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चालाक खरगोश और लोमड़ी – छोटे बच्चों की कहानियां

A moral story in hindi

A moral story in Hindi: आज की पोस्ट में हम चालाक लोमड़ी की कहानी (Chalak Lomdi ki Kahani) पढ़ेंगे। आपने यह कहानी कई बार सुनी भी होगी। आए पढ़ते है Fox and Rabbit story in Hindi with moral

यह एक inspiring moral story है। एक बार की बात है। एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह घने जंगल मे कुछ खाने के लिए ढूंढ रही थी। लेकिन दूर दूर तक खाने के लिए कुछ भी नहीं था, कि अचानक उसे एक खरगोश दिखाई पड़ा। लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। वह खरगोश को खाने के लिए युक्तियां सोचने लगी।

लोमड़ी ने आवाज़ दी, “ऐ ख़रगोश भाई! इस घने जंगल में तुम्हें देख कर प्रसन्ता हुई, तुम तो बहुत बहादुर दिखते हो। मुझे लगता है कि तुम मुझे बचा लोगे, मुझे अकेले बहुत डर लग रहा है।”

खरगोश ने पूछा, “अरे! मैं तो एक छोटा सा खरगोश हूँ। तुम भला मुझे अपना रक्षक कैसे समझ सकती हो?”

लोमड़ी ने जवाब दिया, “भाई काफी दिनों से मैं बीमार हूं। देखो, मेरी नब्ज़ भी धीमी चल रही है।”

खरगोश ने मन ही मन में सोचा (ओहो तो तुम मुझे खाना चाहती हो, अब मैं इतना भोला भी नहीं। अभी मज़ा चखाता हूँ )

लोमड़ी ने फिर आवाज़ देकर कहा, “देखो भाई! मुझे बहुत प्यास लग रही है। क्या तुम मुझे कुछ पानी ला दोगे?
लोमड़ी ने सोचा कि खरगोश के पानी के पास जाते ही उसे पंजो में दबा कर मार देगी। फिर वह उसका नरम माँस खा कर भूख शांत करेगी और फिर मीठा ठंडा पानी पी कर वही विश्राम भी कर लेगी।


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खरगोश को भी प्यास लगी हुई थी। इसलिए खरगोश लोमड़ी की बात मान कर सावधानी से पानी की और जाने लगा, पानी के पास ही उसे आह्ट सुनाई दी।

ये आह्ट जंगल के राजा शेर की थी, जो खरगोश पर झपटा मारने ही वाला था, कि खरगोश हाथ जोड़ के बोला, “महाराज! मैं नन्ही सी जान भला मुझे मार के आपका पेट कहाँ भरेगा और मुफ्त में पाप के भागी बनोगे, आप जंगल के न्यायी राजा है। अगर आप मुझे और मेरे परिवार को सदैव के लिए अभय दान दें तो आपके लिए अभी ही पेटभर भोजन का इंतज़ाम करता हूँ।

शेर ने पूछा, “अच्छा! तुम क्या इंतज़ाम करोगे? तुम्हें और तुम्हारे परिवार को छोड़ता हूँ, इस ठंड में मेरा परिवार और मैं भूख से मर रहे है, जल्दी बताओ, आज के बाद तुम्हारी रक्षा की ज़िम्मेदारी मेरी होगी।

खरगोश ने कहा, “महाराज एक लोमड़ी काफी देर से मुझे खाने के लिए अवसर तलाश कर रही है, मेरे आवाज़ देते ही वो मुझे खाने आएगी, उसी समय आप उस पापी लोमड़ी को दंड दें और मुझे बचा लें,आपका पेट भी भर जायेगा और महाराज का न्याय भी बचा रहेगा।

शेर खरगोश की बात से राज़ी हो गया। उधर लोमड़ी भी भूख से परेशान खरगोश का इंतज़ार कर रही थी।

खरगोश लोमड़ी को आवाज़ देता है, “बहन लोमड़ी! जल्दी आओ और अपनी प्यास बुझाओ बहुत ही मीठा पानी है।

लोमड़ी कहती है, “बस वहीँ रुको, तुम पानी पियो, मैं आती हूँ कह कर भागती हुई खरगोश के पास पहुंची, जैसे ही खरगोश पानी पीने को झुका, वो उसको दबोचने के लिए उछली और उसके उछलते ही शेर ने उसे अपने जबड़ो में जकड़ लिया। लोमड़ी भोचक्की रह गई कि ये क्या हो गया।

शेर की जय जय कार होने लगी, शेर ने एक निरीह जीव की रक्षा की थी, शेर का पेट भी भर गया और खरगोश भी अपनी बुद्धि और चतुराई से अपने आपको और अपने परिवार को, शेर और लोमड़ी दोनों से ही बचाने में कामयाब हुआ।

Moral of the story:- ये कहानी बेशक जानवरों की है, लेकिन ये इंसान को ये शिक्षा देती है कि हालात चाहे कितने भी बुरे क्यों ना हो, या आप अपने आप को हारा हुआ महसूस कर रहे हों, आपको ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य (होंसला) नहीं छोड़ना चाहिए। ठंडे दिमाग से कोशिश करते रहना चाहिए, आप सफल ज़रूर होंगें।


हम उम्मीद करते है आपको चालाक लोमड़ी और खरगोश की ये कहानी (Chalak Lomdi ki Kahani) पसंद आई होगी। अगर आपको Fox and Rabbit Story पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा। 

धन्यवाद।

By: Minakshi Verma
Lifewingz.com

Image credit:- Canva

Author (लेखक)

  • Lifewingz Team

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