दोस्तों, हम हर साल 1 मई को मजदूर दिवस ( Labour Day ) मनाते हैं,आज की हमारी हिंदी कविता मजदूर पर है, child labour poems in hindi में बताया गया है कि एक मजदूर बच्चा अपना जीवन किसी तरह जीता है !
वो बचपन के दिन कितने अच्छे थे
ना कोई परेशानी थी ना कोई दिक्कत
एक हम है जहां हमे खूब प्यार मिलता
खूब खिलौने मिलते,
एक वो है
जो सारा दिन काम करता
और रात को थक कर सो जाता
बिना किसी शिकायत के
अपनीजिंदगी जीता रहता,
उसका भी तो हक है
पढ़ाई पर
लेकिन हम अपनी खुदगर्जी में
इतने खोए,
हर एक चीज़ से उसका
हिसा हमेशा के लिए छीन लिया
जहा हम छोटी सी चोट लगने पर दहाड़े मार कर रोते थे
वो अपने पैरो के छलो को छुपा कर काम करता,
क्या हम में और उसमे बहुत फ़र्क है
नहीं बस हमारी सोच का फ़र्क है,
नीची जात का वो नहीं
हमारी सोच है
सोच बदलो सब बदल जाएगा,
हर बच्चाएक सा ही नज़र आएगा
उसे भी हक है जीने का
जियो और जीने दो
हर इच्छा को पूरा होने दो !
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by Shubhi Gupta ( शुभी गुप्ता )
Story and Poem Writer
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