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Constipation home remedy in hindi- कब्ज के कारण, लक्षण और रामबाण इलाज

constipation home remedy

हम आज आपके लिए कब्ज (Constipation) से जुड़ी हर जानकारी लेकर आए हैं। जैसेकि constipation symptoms, causes, treatment for constipation in hindi और kabj ke liye yoga जो आपकी मदद कर सकता है कब्ज को दूर करने में।

आज की इस भागदौड़ और तनाव भरी life में कब्ज एक बहुत common problem है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं और इसका सही इलाज ढूंढ रहे हैं या चाहते हैं कि ये problem आपको न हो तो इस article को पूरा पढ़ें।

इस article को पढ़कर आप जानेंगे कि कब्ज क्या है? कब्ज के लक्षण, कब्ज होने के कारण, कब्ज के लिए घरेलू उपाय, कब्ज के लिए आयुर्वेदिक इलाज, कब्ज से होने वाले नुकसान ये सारी जानकारी आपको इस एक article में मिल जाएगी।

कब्ज क्या है ? – What is constipation?

कब्ज मल त्याग (defecation) में होने वाला disorder है। इसमें stool hard हो जाता है जिसकी वजह से उसे pass करते समय दर्द या difficulty होती है। Defecation की frequency भी कम हो जाती है। यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो further complications हो सकते हैं जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे। लेकिन उसके पहले हम आपको defecation का mechanism आसान शब्दों में बताते हैं जिससे बाकी जानकारी आपको अच्छी तरह समझ आ जाएगी।

शौच की क्रियाविधि-  Mechanism of defecation

भोजन stomach में जाता है वहां से आगे small intestine में और उसके बाद large intestine में पंहुचता है। Digestive tract में peristaltic movement होते हैं जो food को आगे move कराते जाते हैं। Large intestine के तीन parts होते हैं caecum, colon और rectum. Colon तक आते-आते भोजन का absorption हो जाता है और बिना पचा waste rectum में stool बनकर इकट्ठा होता रहता है। यहां एक sphincter होता है जो defecation की urge  होने पर stool pass करने के लिए open होता है और बाकी समय बंद रहता है। इस पूरे process में paristaltic movement और nerves involve होती हैं। किसी भी एक level पर dysfunction की वजह से constipation हो सकता है। आगे इसके कारणों को detail में समझेंगे। 

कब्ज के प्रकार – Types of constipation

Constipation को दो types में divide किया गया है। Primary या functional constipation और secondary constipation।

1. Primary constipation- इसमें किसी digestive tract के disorder की वजह से होने वाला constipation और muscular incoordination की वजह से होने वाला constipation included है।

2. Secondary constipation- इसमें किसी disease के secondary symptom की तरह appear होने वाला या medicine के side effects की वजह से होने वाला constipation included है। जैसे hyperthyroidism में होने वाला constipation।

कब्ज के लक्षण – Symptoms of constipation

अब हम आपको 4 ऐसे symptoms (कब्ज के लक्षण) बताते हैं जिनमें से एक भी होने पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है।

1. Stool की frequency का कम होना- अगर आप हफ्ते में तीन बार या उससे कम defecate करते हैं तो इसे constipation में गिना जाता है। आप bathroom जाते हैं, काफी देर बैठते हैं पर मल त्याग नहीं होता।

2. Pain and difficulty while passing stool- कब्ज होने पर मल कड़ा हो जाता है और उसे बाहर निकालने के लिए जोर लगाना पड़ता है। ऐसा लगातार करने पर anus के आसपास सूजन हो जाती है और दर्द होने लगता है।

3. Fullness in rectum- इसमें stool pass करने के बाद भी satisfaction नहीं होता और ऐसा लगता है कि अभी भी मल त्याग करने की जरूरत है। Anus में pricking sensation होता रहता है।

4. Hard stool pass होना- आपका मल dry और knotty हो जाता है।

ये कब्ज के लक्षण हैं जिनको ignore नहीं करना चाहिए। 

कब्ज होने के कारण -Causes of constipation

Modern science में constipation के causes को इन तीन categories में divide किया जाता है- hurry, worry and curry. यानि खराब जीवनशैली, चिंता और खानपान। आइये इसे detail में समझते हैं-

• जंक फूड, मैदा और processed food का प्रयोग करना।
• पानी कम पीना- इससे आंतों की internal lining सूख जाती है और उनका peristaltic movement कम हो जाता है जिससे constipation होता है।
• पर्याप्त नींद न लेना- नींद हमारे digestive system को affect करती है और lack of sleep या irregular sleep cycle bowel movements को कम करता है।
• मानसिक तनाव अपने आप में बुरा तो है ही पर इसके साथ हम अक्सर तनाव में उल्टा-सीधा खाने लगते हैं जो digestion को प्रभावित करता है।
• शराब और धूम्रपान- ये शरीर में पानी की कमी कर देते हैं।
• Lack of physical activity
• मोटापा
• कुछ लोग समय की कमी की वजह से या जानबूझकर stool pass करना avoid करते हैं। इसकी वजह से stool dry होता जाता है और defecation में मुश्किल होती है।
• कुछ दवाइयों के side effects की वजह से भी constipation होता है।
• Medical conditions जैसे pregnancy, bowel obstruction, hyperthyroidism में भी constipation हो सकता है। 

कब्ज से होने वाले नुकसान -Complications due to constipation

पेट साफ न होने पर बहुत सी और भी problems होती हैं जैसे pimples, hair fall, चिड़चिड़ापन, loss of appetite, foul smell in mouth, छाले, headache।

बहुत से लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते लेकिन लंबे समय तक constipation होने पर कुछ complications हो सकते हैं जैसे anal fissures, piles, urinary tract infection and intestinal obstruction जहां surgery तक की नौबत आ सकती है इसलिए इसकी seriousness को समझकर समय रहते पूरा उपचार करें जो अगले भाग में दिया गया है।

अब तक आपको कब्ज (constipation) से जुड़ी काफी जानकारी मिल गई होगी। अब कब्ज के लिए योग, कब्ज का इलाज और कब्ज के लिए घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं। 


कब्ज के लिए योगासन – Yoga for constipation

नीचे कब्ज के लिए योगा बताए गए हैं जो कब्ज से राहत पाने में बहुत मदद करते हैं जैसे
पवनमुक्तासन
उदराकर्षणासन
बालासन
मत्स्यासन
अधोमुख शवासन
सूर्य नमस्कार
इन योगाभ्यास से intestine की activity बढ़ती है। 

वैसे तो yoga सबके लिए फायदेमंद होता है पर यदि आपको जोड़ों या मांसपेशियों की कोई समस्या है, pregnancy है या कोई और medical issue तो डॉक्टर की सलाह और किसी expert yoga teacher के supervision के बिना ये practice न करें। 

कब्ज को दूर करने के लिए क्या खाएं? – Food to cure constipation

कब्ज होने पर सबसे जरूरी होता है फाइबर का इस्तेमाल, क्योंकि फाइबर stool को bulk देता है। साबुत अनाज (whole grains) फाइबर का सबसे अच्छा source होते हैं। एक adult को रोज 20-30 gm फाइबर लेना चाहिए।

पॉपकॉर्न, बीन्स, बाजरा, sprouts और मसूर की दाल फाइबर रिच फूड हैं। इसके साथ-साथ चोकर वाला आटा, चिया सीड, ब्रोकली, पके हुए केले, अंजीर और पपीता भी बहुत फायदेमंद होते हैं। फलों को जितना possible हो, उनके छिलके के साथ खाना चाहिए।

इसके अलावा probiotic food का इस्तेमाल भी करना चाहिए क्योंकि ये intestine के good bacterias को enhance करके digestion improve करते हैं।

कब्ज में परहेज? – Things to avoid in constipation

आप जान चुके हैं कि constipation में क्या खाना चाहिए। अब उन foods की बात करते हैं जिन्हें constipation में avoid किया जाना चाहिए।

इसमें पहले नंबर पर आते हैं baked food, ये धीरे digest होता है और इसमें मैदे का use होता है जो कि intestine को harm करता है। याद रखिए कि अपनी जीभ को खुश करने के लिए पेट को torture नहीं करना है।

इसके अलावा processed food से भी दूर रहें क्योंकि इनमें preservatives होते हैं और इनका fiber content खत्म हो जाता है जिसकी वजह से bowel movements sluggish हो जाता है।

कैफीन का इस्तेमाल कम करें। शराब और सिगरेट से दूर रहें। 


कब्ज के लिए घरेलू उपाय – Homemade remedies for constipation in hindi

इस section में हम आपको कुछ simple home remedies for constipation बता रहे हैं।

• रात को गर्म दूध पीकर सोने से सुबह पेट अच्छी तरह साफ होता है। इसमें अगर 1-2 चम्मच अरण्डी का तेल मिला दें तो और भी अच्छा असर होता है।ऐसे लोग जिनको lactose intolerance है और वो milk नहीं ले सकते, उनके लिए आगे और solutions हैं।

• पानी को अमृत कहा जाता है क्योंकि बहुत सी बीमारियां तो सही मात्रा में पानी पीने से ही दूर हो जाती हैं। Constipation की main वजह भी intestine की dryness ही होती है इसलिए कम से कम 2-3 लीटर पानी जरूर पियें। अपने daily routine, climate या health condition के according इसमें थोड़ा फेरबदल किया जा सकता है।

• अपनी दिनचर्या नियमित करें और देर तक जागने की आदत बदलें।

• Physical activity बढ़ाऐं। Jogging, walk, yoga जो भी आपको अच्छा या आसान लगता हो, आज से ही शुरु कर दें।

• सुबह उठकर एक गिलास गर्म पानी पिएं। इससे काफी फायदा होता है।

• 8-10 मुनक्के पानी में भिगोकर खाऐं।

• कभी भी stool की urge होने पर उसे avoid न करें।
तो ये सब कब्ज का इलाज करने के आसान तरीके हैं। 

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic remedy for constipation

अब आपको कब्ज के आयुर्वेदिक उपचार बताते हैं।
1. अजवायन, त्रिफला और सेंधा नमक बराबर मात्रा में कूट लें। इसे रात को गर्म पानी के साथ आधा चम्मच लें। इससे कुछ ही दिनों में फायदा होने लगता है।

2. इसबगोल की भूसी 1-2 चम्मच रोजाना लेने से कब्ज से राहत मिलती है।

3. हींग का पानी पीते रहें। इससे digestion भी improve होता है और पेट भी साफ होता है।

4. आयुर्वेद में शहद को चमत्कारिक माना जाता है। गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से stool soft होता है।

Conclusion
तो ये थी constipation, उसके कारण, लक्षण और कब्ज से छुटकारा पाने की जानकारी। उम्मीद करते हैं कि यह article आपको पसंद आया होगा। हम हमेशा अपनी तरफ से सही जानकारी देते हैं पर यह भी कहते हैं कि किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
हमें कमेंट करके बताएं कि और कौन से topics पर आप जानकारी चाहते हैं। इस article को share कीजिए ताकि और लोगों तक भी ये जानकारी पंहुचे।

By:-Nidhi Neer
Lifewingz.com
Image credits:  canva.com

Author (लेखक)

  • Dr. Nidhi Neer

    Dr. Nidhi Neer एक skilled हिंदी राइटर हैं। इन्हे कई सालों का राइटिंग का अनुभव है। डॉ. निधि नीर नियमित रूप से सभी ट्रेंडिंग विषयों पर ब्लॉग और youtube वीडियो के लिए लिखती हैं। इसमें स्वास्थ्य, फिटनेस, शिक्षा, सौंदर्य, घरेलू उपचार, वित्त, रिश्ते, प्रेरणा आदि शामिल हैं। इन्हें लिखने का शौक था, इसलिए कंटेंट राइटिंग शुरू कर दी। इसके इलावा ये कविता, कहानियाँ, academic content भी लिखती हैं। Content writing के अलावा ये अनुवाद, proofreading और पुस्तक संपादन आदि भी लिखती हैं। आप इनसे निचे दी गई email से contact कर सकते हैं: bnikhi1983@gmail.com

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