Hindi poem on desh bhakti कविता के द्वारा कवि ने हमें एक शहीद सैनिक की भावनाएं बताई हैं। ऐसी भावनाओं से प्रेरित होकर कुछ लोग social media पर sahid jawan status , soldier poem in hindi , desh bhakti kavita और poem in hindi on desh bhakti आदि share करते हैं।
माँ
मैं जनता हूं कि
तुम बहुत परेशान हो
मेरे लिए चिंतित हो
मुझे पता है तुमने अपनी खाना भी नहीं खाया।।
माँ
लेकिन जब में यहां आया था
तो हम सबको पता था
मेरा कोई तो कल है ही नहीं
फिर क्यों रोती हो मां।।
माँ
तू मेरी हिम्मत है
अगर तू ही टूट गई तो
मैं कैसे सरहद पर खड़ा रह सकता हूं ?
माँ
मुझे माफ़ करना
आज धरती मईया के सामने
तेरी ममता पीछे रह गई ।।
माँ
रो मत ऐसे तू
मैं सो नहीं पा रहा हूं
मां छोटी बहन को बोल??
उसके और भाई अभी सरहद पर खड़े हैं
पापा को समझा, मरा नहीं हूं शहीद हूं
मैं तो अमर हूं
फिर क्यों ऐसे रोते हो ?
माँ
मैं जहां हूं बहुत खुश हूं
तू ही तो कहा करती थी
फर्ज पहले है फिर हम है
क्यों फिर ऐसे बिलखती है ?
माँ
देख ज़रा मेरे लाल को??
इसे ये ही तुझे समझाना है
बाप इसका मरा नहीं
बस शहीद हुआ है
अकेला नहीं हूं यहां
तुम सबकी यादें है।।
माँ
मेरी संगनी को समझा
विधवा नहीं है वो
वो, वो औरत है जिसने अपना
सर्वांग न्योछावर किया है, इस मिट्टी पर
उसे तो अभी एक ओर
जवान तयार करना है
मेरा लाल मुझसे भी बड़ा योद्धा बनेगा।।
माँ
अब बस बहुत हुआ
एक काम तू भी कर
एक फुलवाड़ी लगा
और उन पौधों को
पाल ऐसे जैसा तेरा लाल हो
फिर वो भी अपनी छवि से
एक दिन तेरा नाम रोशन कर
दुनिया में अमन चैन लाएंगे।।
माँ
अब दे विदा तू मुझे
चैन से अब मैं सोऊंगा
बोल दे उन गद्दारो को
जिसने मेरी मिट्टी पर बुरी नजर डाली
चैन उनका छीन लूँगा
अब दे विदा मुझे।।
Shahid per Kavita