Skip to content

करवा चौथ पर प्यार और समर्पण की कविताएं | Karva Chauth Poems

Karva Chauth Poems

Karva Chauth Poems: आज की पोस्ट में हम आपके साथ बहुत ही सुंदर कविता शेयर कर रहे है। यह कविताऍं करवा चौथ के विशेष पर्व और सुहागनों के प्यार व समर्पण को बहुत ही भावपूर्ण तरीके से दर्शाती है। कविता के हर शब्द में इस पर्व की गरिमा और उसके पीछे छिपे प्रेम, त्याग, और उम्मीदों को बखूबी चित्रित किया गया है।

सुहागिनों की उमंग, सरगी से लेकर चांद देखने तक का इंतजार, और पति की लंबी उम्र की कामना – सबकुछ इसमें सुंदर रूप से पिरोया गया है। इन कविताओं में न केवल करवा चौथ की पारंपरिक रीतियों की झलक मिलती है, बल्कि पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम को भी बेहतरीन ढंग से उकेरा गया है।

यह Karva Chauth Poems इस त्योहार की खूबसूरती और आध्यात्मिकता को पूरी तरह से समर्पित है।

बरस का एक दिन है बहुत ही खास
जो आए संवत् में चतुर्थी को कार्तिक मास

सुहागनों को जो दें एक अलग ही अहसास
बढ़ाएँ पति की उम्र रख करवा चौथ उपवास

भौर उठे, हो उत्साहित खाने को सरगी
करें शुरुआत पूरी उमंग से करवे के दिन की

पहन चूड़ियां हरी भरी कर दुल्हन जैसा श्रृंगार
रहे निराहार सारे पहरे करे चांद का इंतजार

पहन पाजेब चले वो छन छन लगे मधुर संगीत
रोली मोली करे मां को अर्पण जो सुहागन का प्रतीक

हजारों उलझनों को मन में लेकर वो होवे तैयार
की आज मैं लगूॅ अपने पति के सपनों की अवतार

अपरान्ह में करवा भरकर सुने माता की कथा
हर नियम से सभी भार्या करें यह प्रथा

लंबी आयु दिल में रखकर करें पति का विचार
यह दिन आता है एवं बढ़ाता है आपस में और भी प्यार

बना पकवान एवं कई भोज पहुंचे चांद को निहारे
पकड़े पति का हाथ अपने साथ की उम्र बढ़ाने।

—————————————————————————————————————–

करवा चौथ का व्रत आया है,
प्रेम का संदेशा लाया है।
नारी का ये प्रेम अनमोल,
पिया के लिए रखा है व्रत तोल।

सुबह से भूखी प्यासी बैठी,
मन में उमंग और चेहरा चमकीला।
चांद निकलते ही पूरा होगा व्रत,
साजन का साथ, सच्चा प्रेम होगा कृत।

सज-धज के नारी मुस्काई,
पिया के नाम से मेहंदी सजाई।
चूड़ी, बिंदी और सिन्दूर की लाली,
पिया के लिए नारी ने दुनिया संवारी।

करवा चौथ का चांद प्यारा,
हर दिल में जगाता उजियारा।
साजन-सजनी का बंधन अटूट,
जन्म-जन्मांतर तक रहे ये प्रेम का सपूत।

आशीर्वाद में मिले खुशियाँ ढेर,
हर घर में हो प्रेम की खैर।
करवा चौथ का ये त्योहार मनाएं,
साजन का संग, सदा मुस्कान सजाएं।

—————————————————————————————————————–

करवा चौथ का त्यौहार, प्रेम का प्रतीक है,
नारी के सच्चे प्रेम का, ये सबसे बड़ा संगीत है।

सुबह से शाम तक, व्रत रखती है वो नारी,
अपने प्रियतम की लंबी उम्र की, प्रार्थना में सारी।

चाँद की राह तकती है, आँखों में उसकी आश,
हर पल की गिनती करती, जैसे हो कोई खास।

चूड़ियों की खनक, मेहंदी की लाली,
सजधज कर वो सजनी, देखे साजन की प्याली।

करवा चौथ का व्रत, नारी का समर्पण,
दिल से जुड़े हैं भाव, प्रेम का अनंत अनुकरण।

पति के लिए उसका प्यार, अटूट है और अखंड,
उसकी मन्नतों में बसा है, पति का जीवन लंबा और आनंद।

आसमान में जब दिखता है, चाँद का अंश,
वो नारी करती है पूजा, आँखों में प्रेम का अंश।

करवा में जल भर, वो देती है अर्घ्य,
पति के लिए उसकी प्रार्थना, बनती है संसार का पर्व।

—————————————————————————————————————–

करवा चौथ की रात है आई,
सजनी ने पूजा की थाली सजाई।
सुबह से रखे व्रत को निभाया,
साजन की लंबी उम्र का आशीर्वाद पाया।

सिंदूर, चूड़ी, और श्रृंगार का त्योहार,
नारी के प्रेम का ये अद्भुत व्यापार।
मेहंदी से सजी हथेलियों में,
साजन के नाम का एहसास, दिल में।

सूरज की विदाई के बाद,
चाँद की चांदनी में, दिखे प्रेम का प्रसाद।
उस पल का इंतजार,
जब वो पहली बार, साजन को देखे निहार।

करवा की पूजा में, वो मन की शांति पाती,
पति के जीवन में खुशी और समृद्धि लाती।
हर साल का ये व्रत,
प्रेम को गहराई से संजोता है, हर दिल में करता है स्थान।

ये है करवाचौथ, प्रेम और विश्वास की निशानी,
नारी का समर्पण, पति का अरमान।
सदा खिलता रहे ये त्योहार,
सजी रहे नारी की मांग, प्रेम का संसार।

—————————————————————————————————————–

चाँद से पहले साजन का इंतजार,
नन्हें-नन्हें कदमों में है प्यार।
रात की चांदनी में सजधज कर,
पिया के नाम का है करवा का त्यौहार।

सज-धज कर बैठे हैं चाँदनी रात में,
सुहागनें मुस्कुराए प्यारे साथ में।
करवा चौथ का यह दिन अनमोल,
साजन का साथ हो, यही है बस क़ीमती तोहफा और गोल।


करवाचौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं, उपवास रखती हैं और चाँद के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।

इस पर्व का सार केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करना नहीं है, बल्कि यह समर्पण, प्रेम और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक भी है। करवाचौथ का त्यौहार न केवल महिलाओं की श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार में एकजुटता और प्यार को भी बढ़ावा देता है।

इस दिन की रौनक, सजावट और विशेष भोजन सभी मिलकर इस अवसर को और भी खास बना देते हैं। अंततः, करवाचौथ केवल एक व्रत नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और समर्पण की एक अनोखी मिसाल है।

Author (लेखक)

  • Mrs. Minakshi Verma

    मैं, मिनाक्षी वर्मा, पेशे से हिंदी ब्लॉगर हूँ और इस क्षेत्र में मुझे काफी अनुभव हो चुका है। मैं  डाइट-फिटनेस, धार्मिक कथा व्रत, त्यौहार, नारी शक्ति आदि पर लिखती हूँ। इसके इलावा फूड, किड्स बुक्स, और महिलाओं के फैशन के बारे में लिखना मेरे पसंदीदा विषय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *