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Mohini Ekadashi: मोहिनी एकादशी व्रत के नियम और लाभ 

Mohini Ekadashi

Mohini Ekadashi: मोहिनी एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 12 अप्रैल 2022 को है। मान्यता के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से हर प्रकार के पाप तथा दुःखों का नाश होता है। सीता माता की खोज के दौरान भगवान राम ने तथा महाभारत काल में युधिष्ठिर ने मोहिनी एकादशी व्रत कर अपने सभी दुखों से मुक्ति पाई थी।

मोहिनी एकादशी तिथि का आरंभ: 11 मई 2022 को शाम 7:31 से

मोहिनी एकादशी व्रत का आरंभ: 12 मई 2022

मोहिनी एकादशी तिथि का समापन: 12 मई 2022 को शाम 6:51बजे

मोहिनी एकादशी व्रत पारण समय: 13 मई 2022 को प्रातः 7:59 तक


1. दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

3. एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें, वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी ‍वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें। फिर स्नानादि कर मंदिर में जाकर गीता पाठ करें या पुरोहितजी से गीता पाठ का श्रवण करें।

4. फिर प्रभु के सामने इस प्रकार प्रण करना चाहिए कि ‘आज मैं चोर, पाखंडी़ और दुराचारी मनुष्यों से बात नहीं करूंगा और न ही किसी का दिल दुखाऊंगा। रात्रि को जागरण कर कीर्तन करूंगा।’

5. तत्पश्चात ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस मंत्र का जाप 108 बार करें। 

6. भगवान विष्णु का स्मरण कर प्रार्थना करें और कहे कि- हे त्रिलोकीनाथ! मेरी लाज आपके हाथ है, अत: मुझे इस प्रण को पूरा करने की शक्ति प्रदान करना। 

7. यदि भूलवश किसी निंदक से बात कर भी ली तो भगवान सूर्यनारायण के दर्शन कर धूप-दीप से श्री‍हरि की पूजा कर क्षमा मांग लेनी चाहिए।

8. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। 

9. इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए। न अधिक बोलना चाहिए। अधिक बोलने से मुख से न बोलने वाले शब्द भी निकल जाते हैं।

10. इस दिन यथा‍शक्ति दान करना चाहिए। किंतु स्वयं किसी का दिया हुआ अन्न आदि कदापि ग्रहण न करें। दशमी के साथ मिली हुई एकादशी वृद्ध मानी जाती है।

11. एकादशी (ग्यारवीं तिथि) के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।

12. आप चाहे तो केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता आदि फलों का सेवन कर सकते है। प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करें।

13. ब्राह्मणों को मिष्ठान्न और दक्षिणा देनी चाहिए।

14. इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।


1. मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति की चिंताएं और मोह माया का प्रभाव कम होता है। और व्यक्ति हर तरह की दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहता है। 

2. मोहिनी एकादशी का व्रत सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है। 

3. मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की कृपा प्राप्त होती है।

4. मोहिनी एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा आती है जो उसे निरोग बनाने में सहायक होती है। 

5. इस व्रत को करने वाला दिव्य फल प्राप्त करता है और उसके जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं।


एकादशी व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस दिन उपवास करने से मन शान्त और शरीर स्वस्थ होता है। इस व्रत को करने से आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्री हरि विष्णु के धाम की प्राप्ति होती है।

Image Credit:- Canva

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  • Lifewingz

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