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Moral Story For Kids – Jadui कहानी | चालाक महिला और जादुई चूहा 

moral story for kids

आज मैं भी आपके बच्चों के लिए एक Moral story for kids लेकर आई हूँ। इस magical short story में आप पढ़ेंगे एक लालची औरत और जादुई चूहा की moral kahani, जिससे हम सबको अच्छी सिख लेनी चाहिए।

सीतापुर गाँव के पास एक घना जंगल पड़ता था। गाँव की औरतें अक्सर जंगल में जाकर लकड़ियां काटकर लाया करती थी। उसी गाँव में मंगू नाम का एक किसान रहता था। मंगू की दो बीवियां थी,जो आपस में बहुत ज्यादा लड़ा करती थी।

मंगू की पहली पत्नी का नाम शारदा था और दूसरी पत्नी का नाम सुधा था। एक दिन की बात है। जब मंगू की पहली पत्नी शारदा लकड़ियां लेने जंगल गई, तो शारदा ने देखा कि एक छोटा सा चूहा पिंजरे में कैद था।

चूहा बहुत उदास था। जब शारदा उसके नजदीक आई तो चूहे ने उसे आवाज़ लगाई और मदद मांगी। शारदा एक दम से डर गई और चूहे से पीछे हो गई।

फिर चूहे ने उसे कहा, “अगर तुम मुझे इससे आज़ाद कर दोगी तो मैं तुम्हें तीन वरदान दूँगा।”

शारदा ने पहली बार चूहे को बोलते हुए सुना था और वह उस चूहे से डर भी रही थी। चूहे ने फिर उसे कहा, मुझ से डरो नही मैं तुम्हें कुछ नही करूँगा।

मैं एक जादुई चूहा हूँ, मेरे पास बहुत सी जादुई शक्तियां है। लेकिन जब तक मैं इस पिंजरे में कैद हूँ, तब तक मेरी सारी जादुई शक्तियां भी कैद रहेंगी।

शारदा बहुत चालक भी थी तीन वरदान का नाम सुनते ही उसके मन में लालच भी आ गया था। उसने चूहे को पिंजरे से आज़ाद कर दिया। जैसे ही चूहा आज़ाद हुआ उसकी सारी जादुई शक्तियां भी वापिस आ गई।

चूहे ने शारदा को धन्यवाद किया और कहा, क्या चाहिए तुमे मागों अपने तीन वरदान। जैसे ही शारदा ने अपने तीन वरदान मांगना शुरू किये। चूहे को समझ आ गया कि यह एक लालची औरत है। जिसे सिर्फ खुद के लिए ही सब कुछ चाहिए।

चूहा भी बहुत बुद्धिमान था। उसने शारदा को कहा, “मैं तुम्हें यह तीन वरदान तो दूगां। लेकिन मेरी एक शर्त है, जो भी तुम माँगोगी तुम्हारी पड़ोसन को उससे दुगुना मिलेगा।”

लालची शारदा चुप हो कर कुछ सोचने लगी, फिर बोली ठीक है मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है। 

शारदा ने अपना पहला वरदान मांगा कि मैं संसार की सबसे अमीर स्त्री बनना चाहती हूँ।

चूहे ने उसे कहा, “क्या तुम्हें पता है कि ये वरदान तुम्हारी पड़ोसन को भी संसार की सबसे अमीर स्त्री बना देगा।”

शारदा बोली “कोई बात नही, क्योंकि वह मेरी सौतन है और मुझ से डरती भी है जो भी उसको मिलेगा वो सब मेरा ही होगा।”

यह सुनते ही चूहे ने “तथास्तु” कहा।

शारदा ने अपने दूसरे वरदान में उसने कहा कि मेरा एक बड़ा सा सुंदर महल हो।

चूहे ने कहा तुम्हे याद है ना “तुम्हारी सौतन को तुमसे दुगुना मिलेगा” महिला ने हँसते हुए कहा मुझे याद है, उसके दो महल होगें तो कोई बात नही|वो सब कुछ मेरा ही होगा।”

चूहे ने कहा, “तथास्तु”

जब चूहे ने अंतिम वरदान के लिए कहा। शारदा सोचने लगी, शारदा बहुत चालक थी। वह कभी नही चाहती थी कि उसकी सौतन उससे अमीर हो जाए। उसने अपने मन में सोचा कि मैंने जो भी माँगा है, उसका दुगुना उसकी सौतन को मिला है।

तो उसने अपने लिए एक “हल्का सा हार्ट अटैक (दिल का दौरा) मांगा।” उसके मन में यह ही था कि हार्ट अटैक भी उसकी सौतन को दुगुना ही आएगा। जिससे उसकी सौतन मर जाएगीं।

चूहे भी समझदार था उसने साथ ही कहा “तथास्तु”

अपने तीनो वरदान पा कर जब शारदा अपने घर पहुँचीं तो उसने देखा कि उसकी झोपड़ी की जगह एक सुंदर महल है, साथ ही उसकी सौतन के भी दो सुंदर महल है वो यह सब देखकर बहुत प्रसन्न हुई।

इतने में उसकी सौतन अपने महल से बाहर आई। सौतन बहुत ही सुंदर लग रही थी और उसने बहुत महंगे जेवर पहन रखे थे। यह देखकर शारदा को एक दम से गुस्सा आ गया और वह अपनी सौतन के साथ लड़ने लगती है।

उन दोनों की लड़ाई की आवाज़ सुनकर मंगू बाहर आता है। दोनों की इस लड़ाई में अचानक दोनों को हार्ट अटैक आता है और दोनों जमीन पर गिर जाती है। मंगू जल्दी से दोनों को एक-एक करके महल के अंदर ले जाता है और वैद्य को बुलाता है।

वैद्य दोनों की जाचं करता है और कहता है, तुम्हारी दोनों बीवियों को हार्ट अटैक आया है। लेकिन सुधा जल्दी ही ठीक हो जाएगीं और शारदा कभी भी चल नही सकती उसके शरीर का एक तरफ का भाग लगवा मार गया है।

जब दोनों को होश आता है, तो शारदा देखती है उसकी सौतन सुधा बिल्कुल ठीक है। जैसे ही शारदा अपने पलग से उठने लगती है तो वो उठ नही पाती है।

मंगू शारदा को बताता है कि अब वो कभी भी चल नही सकती। यह सुनते ही शारदा जोर-जोर से रोने लगती है। उसको अपनी तीसरे वरदान का बहुत पश्तावा होता है। 

शारदा ने सोचा था कि उसकी सौतन को दुगुना हार्ट अटैक आएगा। लेकिन शारदा ये भूल गई थी कि उसने तीसरे वरदान में हल्का सा हार्ट अटैक माँगा था। शारदा को तो हल्का सा हार्ट अटैक और उसकी सौतन को दुगना हल्का हार्ट अटैक आया। जिसके परिणाम स्वरूप शारदा का आधा शरीर लकवा मार गया और सुधा जल्दी ही ठीक होगी।

मोरल ऑफ स्टोरीः- जब भी हम दूसरों का बुरा चाहते है उसका दुगुना हमारे साथ बुरा होता है। इसलिए हमे सब के लिए अच्छा ही सोचना चाहिए ताकि हमारे साथ भी सब अच्छा हो।


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By:- Meenakshi
lifewingz.com

दोस्तों, आपको हमारी आज की कहानी कैसे लगी comment करके जरूर बताएं। ऐसी ही और jadui ki kahani, fairy tales in hindi, hindi moral story, Bedtime Stories  aur Horror story in hindi पढ़ने के लिए हमे follow करें ।

धन्यवाद!

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