दोस्तों! औरत पर लिखी गई hindi kavita “मैं नारी हूँ!” में कवि ने औरत के आध्भुद प्यार और त्याग का वर्णन किया है! Hindi poem for women’s day आपको पसंद आए, ऐसी हम कामना करते हैं!
मैं नारी हूँ
अबला, बेचारी ना समझना
मुझसे ही तू जन्मा है
मैं ही जीत हूँ
मैं ही हार हूँ,
आग की अंगार हूँ
पानी जैसी शीतल मैं हूँ
तेरे आज में मैं हूँ
तेरे कल में मैं हूँ
तेरा कल भी मैं ही हूँ,
महिषासुर जो बनो गए
काली का रूप मैं हूँ
ना कर अनादर मेरा
लक्ष्मी का रूप मैं हूँ,
शिव की शक्ति मैं हूँ
प्यार के लिए जीती हूँ
अपनी खुद की तलाश में मैं हूँ,
अस्तिव की खोज में मैं हूँ
प्यार से मांगो गए
जान देदुंगी,
मां का प्यार भी मैं ही हूँ
बहन का दुलार भी मैं ही हूँ
लक्ष्मी की तरह जानी जाती हूँ
हाँ मैं नारी हूँ!
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by Shubhi Gupta ( शुभी गुप्ता )
Story and Poem Writer
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