दोस्तों! आज हम ज़िन्दगी पर कविता ( poem in hindi on life ) लेकर आए हैं। जिसमे रिश्तों ( family relationship ) के कुछ भावनाएं व्यक्त की गईं हैं। उम्मीद करते हैं आपको ये कविता ( inspirational poetry in hindi ) पसंद आयगी।
समय ये कैसे बीत चला
ऐसे कैसे खुदा रूठ चला,
दूरियां अपनों से क्यों बढ़ चली
रिश्तों की डोर हाथ से कैसे छूट चली,
कैसा ये दौर है आया
हर सपना, रातों में खो गया,
जिसे अपना कहा वो ऐसे छोड़ गया
जिंदगी की इस राह में ये कैसा मंजर है,
उम्मीद की दीवार यू तड़क गई
हर निवाला गले में धास बन कर चुभ गया,
लगता है खुदा ने ये रित नई बना दी
कभी तो जीवन में नई सुबह आएगी,
उस सुबह का सूरज जब जगमगाएगा
जीवन की फुलवाड़ी फिर भवरो से भर जाएगी,
हर कदम पर साथी होगा
जिंदगी का सफर सुहाना होगा,
जल्द ही वो कल आएगा
जब हर बेगाना अपना कहलाएगा ।।
दोस्तों ! कविता अगर दिल को छूह जाये, तो शेयर ज़रूर कीजियेगा।
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by Shubhi Gupta ( शुभी गुप्ता )
Story and Poem Writer
इस कविता ( poem in hindi on life ) में कवि ने ज़िन्दगी में नयी चेतना लाने का प्रयास किया है।
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