दोस्तों, आज की prem kavita in hindi में हम ने प्रेम की परिभाषा को आपके साथ साझा किया है। pyar kya hai आज के समय में हर लड़का-लड़की प्यार करते है, लेकिन उनमें से कुछ ही प्यार को दिल से निभाते है। प्यार करना आसान है लेकिन उसको निभाना उतना ही मुश्किल, आज के युवा प्यार-मोहब्बत की बातें तो खूब करते हैं, लेकिन सच्चा प्यार क्या होता है? यह समझ कोई-कोई ही रखता हैं। आज की इस love kavita in hindi में आप को प्यार की परिभाषा समझ आ जाएगी।
प्रेम वो
जो सुख में ना सही
दुख में साथ निभाए,
प्रेम वो
जो अवगुण देखकर ना बदल जाए,
प्रेम वो
जो बिन बोले सब समझ जाए,
प्रेम वो
जो गलती होने पर अकेले में समझाए
महफिल में तमाशा ना बनाए,
प्रेम सर्दियों में धूप-सा है
गर्मियों में छाया है
जिसे कोई-कोई समझ पाया है
प्रेम निस्वार्थ है, निश्चल है
गंगाजल-सा पावन है, निर्मल है
प्रेम का आगाज़ तो है, अंत नहीं है
प्रेम पूर्ण विराम है, हलंत नहीं है
प्रेम भौतिक नहीं, अलौकिक है
ऐच्छिक नहीं, प्राकृतिक है
प्रेम को देह से ना कोई सरोकार है
आत्मा और मन ही इसका आधार है
प्रेम लेन-देन की वस्तु नहीं है
ना कोई व्यापार है!
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प्रेम एक ऐसा बंधन है जिसे दो लोग साझा करते हैं। नए रिश्ते बनाते है, सच्चे प्यार का मतलब है कि आपके साथी के लिए आपके मन में अटूट प्रेम और विश्वास, प्यार का यह मतलब नही है कि आप अपने प्रेमी यह प्रेमिका को किसी बंधन में बांध कर रखे। प्यार दो आत्माओं का मिलन है जैसे श्री कृष्ण और राधा रानी का था और है, आज भी लोग इनके प्यार की मिसाल देते है।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह short love poem in hindi जरूर पसंद आई होगी। अगर आप ऐसी pyar ki kavita और pyar bhari kavita पढ़ना पसंद करते है तो आप Lifewingz को follow जरूर करें।
by :- मीनाक्षी कुंडू
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