Shiva Poetry in hindi आज की हमारी हिंदी कविता है, जो सावन शिवरात्रि (Sawan Shivaratri) के शुभ अवसर पर आप सब के लिए हम लेकर आए है। Shravan shivratri के दिन भगवान शिव अपने भक्तों पर अपनी कृपा की वर्षा करते है। इस बार sawan shivratri 6 August 2021 को है। हर साल सावन शिवरात्रि श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि पड़ती है।
अखंड है प्रचंड है असुरो का अंत है
कैलाश ओर विराजते जिनका नाम शिव शंकर है
देवो के देव कहलाए
देखो कैसे भस्म रमाय
जटाएँ देखो जैसे घना जंगल
उसमे बेहती गंगा देख
चंद का ये मुकुट देख
आंखो की ये चमक देख
होटों की ये लाली देख
गले में है ये शेषनाग देख
पैरों में बैठे नंदी देख
शेर की ये खाल देख
शक्ति है भोले की
भक्ति है भोले की
सृष्टि है भोले की
जहा डाले अपनी नजर
वाहा हो जाए खुशियों का बसेरा
है कल वो
है आज वो
काल वो महाकाल वो
क्रोध में तांडव करते है
भांग धतूरा में आंनद लेते
तीसरी आंख खोले, तो विकराल रूप देख
शमशान में है डेरा
भूत भी नाचे आगे जिसके
ऐसे है महादेव मेरे
मृत्यु में भी भय देख
नील कंठ का मैं अभिलाषी
रूद्र रूप दिल को है भाया
शिव की भक्ति में जीवन है “राम्या”
डम डम डम डम डमरू बाजे
नमन है मेरे शिव शम्भू को
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by Shubhi Gupta ( शुभी गुप्ता )
Story and Poem Writer
Shiva Poetry ये कविता bhagwan shankar ji की वेशभूषा पर आधारित है। हम आशा करते है आपको ये “नमन है मेरे शिव शम्भू को” कविता पसंद आई होगी। भगवान शिव जी की कृपा सब पर बनी रहें।
हर हर महादेव!