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शिव ही शक्ति है – अर्धनारीश्वर – Shivratri – Lord Shiva Poem

shivaji poem in hindi

आशा है कि यह सुंदर हिंदी कविता आपके हृदय को छू जाएगी और शिव भक्ति की भावना को और भी गहरा करेगी!
🚩 हर हर महादेव! 🚩


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शिव ही शक्ति है
शक्ति ही शिव है
कुछ भी नहीं, ही, सब कुछ है 
ओर सब कुछ, ही,कुछ नहीं है!

आज मनाओ खुशी शिव और शक्ति के मिलन की
कितने जन्म ना जाने शक्ति ने लिए
तब जाकर शिव से मिली!

शिव भी बैरागी बने शक्ति का इंतेज़ार किये
जब मिले शिव और शक्ति अर्धनारीश्वर कहलाए!

सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हर्ष उल्लास का मोहत्सव बना
शिव की प्रिय शक्ति
अर्धांगनी कहलाई!

बिना शक्ति, शिव नहीं कुछ
शिव बिना, शक्ति भी कहा है कुछ

इतने जतन बाद ये दिन है आया
शिव शक्ति एक हुए ये वरदान सृष्टि को मिला
हर कोई बोले बम बम भोले!!


मन में था जो वर्षों से, वह सपना सच हो गया,
शिव के चरणों में बसा मन, जीवन सफल हो गया।
गौरा ने जब वरण किया, तप से शिव को पाया,
भक्ति की उस शक्ति ने, भाग्य को भी झुकाया।

रजत मुकुट सा हिमालय, वर के स्वागत में झुका,
सृष्टि की हर कली, इस मिलन पर थी महक उठी।
शिव-पार्वती के प्रेम में, दिखा समर्पण गहन,
यह विवाह है दिव्यता का, जहाँ प्रेम बना अनुग्रह।


सजी है बारात शिवशंकर की,
गूँज रही है जय-जयकार,
भक्तों का मन हर्षित होता,
देखो भवानी का श्रृंगार।

नंदी के संग चले हैं भोले,
भूत-प्रेत की टोली आई,
डमरू की ध्वनि गगन गुंजाती,
महादेव की महिमा छाई।

कैलाशपति ने रूप अनोखा,
बाघम्बर ओढ़े आए हैं,
भस्म रमाई तन पर अपने,
सर्प गले में लहराए हैं।

पार्वती का मन हर्षित होता,
देखो माता हिमवती भाव विभोर,
ब्रह्मा, विष्णु, देवता सारे,
गाते मंगल गीत बृजोर।

सात फेरे लिए शिव-शंकर ने,
साक्षी बने समस्त लोक,
अमर प्रेम की अमिट कहानी,
रच दी महादेव ने आलोक।

हर-हर महादेव की जय हो,
शिव-पार्वती का आशीर्वाद,
जो भी इनका नाम जपेगा,
पाएगा सुख, शांति अपार।


कैलाश के शिखर पर बजा शंख प्यारा,
शिव विवाह का आया शुभ सहारा।
पार्वती ने जब वरमाला पहनाई,
त्रिलोकी में खुशी की धुन छाई।

जटा में गंगा, मस्तक पर चंद्र,
भोले का रूप सबसे है अनिंद्य।
पार्वती के नयन झुके शरमाए,
जब शिवजी ने हाथ थामे, मुस्काए।

दिव्य मिलन यह सृष्टि का आधार,
शिव-शक्ति का पावन श्रृंगार।
हर मन में गूँजे यही पुकार,
जय शिव शंकर, जय जय करतार!


भक्ति का सागर उमड़ पड़ा,
जब शिव ने पार्वती का हाथ धरा।
विश्वनाथ के रूप में शिव आए,
सब देवगण मिल आशीष बरसाए।

डमरू की ध्वनि गूंज रही थी,
कन्याओं की हंसी सजी थी।
शिव ने वरमाला पहनाई,
पार्वती की आँखें भर आईं।

प्रेम, समर्पण और विश्वास,
शिव-विवाह का अनुपम प्रकाश।
युगों-युगों तक गूंजेगा यह नाम,
हर-हर महादेव का शुभ काम।

दोस्तों ! कविता अगर दिल को छूह जाये, तो शेयर ज़रूर कीजियेगा। 


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ये कविता shivaji poem in hindi नामक bhagwan shankar ji और mata parvati ji के विवाह पर आधारित है! हम आशा करते है आपको ये shivji poem in hindi पसंद आई होगी!

हर हर महादेव!

 By Shubhi Gupta ( शुभी गुप्ता )
Story and Poem Writer

Image credits: png.pngtree.com

Author (लेखक)

  • lifewingz writer

    शुभी गुप्ता को कवितायेँ और शायरी में पिछले 5+ साल का अनुभव है। कविता, घरेलु उपाए, महिलाओं पर लिखना इनका पसंदीदा विषय है। इसके अलावा इनको अलग-अलग जगह घूमना और वहां के लोगों से मिलकर उनकी संस्कृति के बारे में जानना बहुत पसंद है। ये खाली समय में लिखना पसंद करती हैं। आकृति से आप lifewingz से संपर्क कर सकते हैं।

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