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Shivratri Poems In Hindi – शिवरात्रि पर कविता 2024 – Shivratri kavita 2024

maha shivratri status & poem

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर, शिव भक्त अपनी आस्था और भक्ति को विभिन्न रूपों में प्रकट करते हैं। कविताएँ इस भक्ति को व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम होती हैं। यहाँ शिवरात्रि की (poem on shiva) कविताएँ हैं जो भोले बाबा के प्रति आपकी भावनाओं को और अधिक गहराई से व्यक्त कर सकती हैं:

उसका तो ढंग निराला है
बाबा मेरा भोला भाला है।

सर पर धारण की है गंगा
गले में नाच रहे हैं भुजंगा
माथे पर शोभित है चंदा
वनों में घूमे, मस्त मलंगा
पी लिया विष का प्याला है
बाबा मेरा भोला भाला है।

पर्वत पर डाला है डेरा
भूतों के संग करता बसेरा
भस्म लगाए, वो धूनी रमाए
श्मशानों में लगाता फेरा
ऐसा मेरा डमरू वाला है
बाबा मेरा भोला भाला है।

मन की सारी पूरी करता
झोली खुशियों की है भरता
सबके दुखों को भी है हरता
हर पल सबकी रक्षा करता
वो तो दीन दयाला है
बाबा मेरा भोला भाला है।



अनंत काल से है जो शिव साकार,
नीलकंठ नाम से जिनकी महिमा अपार।
त्रिनेत्रधारी, त्रिलोकी के स्वामी,
भस्म रमाए, विष पिये भोले शाम्भवी।

ध्यान में लीन, गंगा के वासी,
जटा से निकले जल की राशि।
दमरू की ध्वनि, नाचे तांडव सोहे,
महादेव की लीला, मन मोहे।

चंद्र शीश पर, सर्प गले में डाले,
हर हर महादेव, शिव शंभू भोले।
महाशिवरात्रि का पावन दिन आया,
शिव की आराधना में मन लगाया।


महाशिवरात्रि की वो रात आई,
शिव भक्तों की भीड़ लगाई।
भंग, धतूरा, बेल पत्र चढ़ाया,
शिव लिंग पर जल अर्पण किया।

जागरण की रात, भजनों की बात,
नाचते, गाते, शिव की महिमा गाते।
हर हर महादेव के नारे लगाते,
शिव शंकर को मन से भजते।

शिव की भक्ति में डूबे सभी,
महाशिवरात्रि पर एकता की झलक दिखी।
भोले की कृपा से दुःख हरे,
शिवरात्रि के दिन, शिव से प्यार करे।


ओम नमः शिवाय के जाप से,
मन में आती शांति अपार।
शिवरात्रि की हर रात में,
महसूस होती शिव की सरकार।

गंगा के तट पर, हिमालय में,
शिव की ध्यान स्थली है।
भक्तों के मन में बसे,
शिव ही सच्ची गली हैं।

महाशिवरात्रि के दिन,
भक्ति में डूब जाएँ हम।
शिव की अनुकंपा से,
सच्चे मार्ग पर चलें हम।


भोले की भक्ति में मन रमाया,
शिवरात्रि की रात जगाया।
महाकाल की आराधना में,
लीन होकर, मन को समाया।

आँखें बंद कर, ध्यान लगाया,
शिव शंभू को मन में बसाया।
जीवन की हर विपदा से लड़ने,
शिव तांडव स्तोत्रम् को गाया।

शिवरात्रि के इस पावन पर्व पर,
भोलेनाथ का आशीर्वाद पाया।
शिव की भक्ति, शिव की शक्ति,
जीवन में सच्चा सुख लाया।


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यह कुछ कविताएं हैं जो आप महाशिवरात्रि के अवसर पर पढ़ सकते हैं। इन कविताओं में शिव की महिमा और भक्ति का वर्णन किया गया है। महाशिवरात्रि का त्यौहार भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि हमें जीवन में हमेशा सच बोलना चाहिए, दूसरों की मदद करनी चाहिए, और बुराई पर अच्छाई की जीत होगी।

ये कविता shivaji poem in hindi भोलेनाथ पर आधारित है। हम आशा करते है आपको ये shivji poem in hindi पसंद आई होगी।

By: Meenakshi Kundu
Image credits:  canva.com, freepik.com

Author (लेखक)

  • Minaxi Kundu

    मेरा नाम मीनाक्षी कुंडू है। मुझे पढ़ना, लिखना,संगीत सुनना और गाना बहुत पसंद है, ख़ासकर हिंदी साहित्य की किताबें पढ़कर मन को बहुत अच्छा लगता है। मैं कविताएं, कहानियाँ, लेख, लोक गीत, प्रेम गीत, भजन सब लिख लेती हूँ। हिंदी में लिखना और पढ़ना मेरे मन को सुकून देता है। हरियाणवी मेरी प्रिय बोली है। अपनी बोली में लिखी कविताएं बहुत भाती हैं। मैं हरियाणवी में भी लोक गीत और कविताएँ लिखती हूँ।

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