Short motivational story in hindi:- आज के इस लेख में हम आपके साथ Ashu Sanan के द्वारा लिखी हुई spiritual stories in hindi शेयर कर रहे हैं। जिसमे उन्होंने अपने आध्यात्मिक विचारों को lifewingz के साथ शेयर किया है। इन प्रेरणादायक कहानिओं में उन्होंने ने खुश रहने के उपाय बताये हैं, परमात्मा से जुड़ने की महत्तता को बताया, और बदले की भावना को दूर करने की सीख दी है।
How to Be Happy in Tough Times – मुश्किल समय में खुश रहने के सूत्र
Credits: Drops Of My “LIFE”
हम जब भी किसी Difficult situation में होते हैं या फिर किसी tough time से गुज़र रहे होते हैं, या हम Depress feel करते हैं, तो हम कुछ ना कुछ Activities करते हैं अपने आपको बिजी रखने के लिए अपने आपको खुश रखने के लिए, हम सब Different Activities करते हैं।
मैं अपना बताती हूँ कि मैं क्या करती हूं?
मैं Full on makeup लगाती हूँ सुंदर दिखने के लिए, अच्छे कपड़े पहनती हूँ, भजन गाती हूँ, songs गाती हूँ अपने माइंड को डायवर्ट करने के लिए, उसको पॉजिटिव करने के लिए, अपने आप में ही खुश हो जाती हूँ क्योंकि मुझे ऐसा करने में खुशी मिलती है।
हम सब कुछ डिफरेंट चीजें करते हैं लेकिन मैं यह चीज करती हूँ। मुझे लगता है कि उससे हमे बहुत confidence मिलता है। उससे हम बहुत अच्छा फील करते हैं और थोड़ी देर के लिए हम बहुत रिलैक्स फील करते हैं मैं बहुत रिलैक्स फील करती हूं और मैं जो महामंत्र का जाप करती हूं उससे मुझे और अच्छा लगता है:-
“हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे रामा, हरे रामा, रामा रामा हरे हरे!”
सच बोलूं मेरी सारी नेगेटिविटी दूर हो जाती है चाहे थोड़ी देर के लिए, क्योंकि इंसान हूँ लम्बें टाइम के लिए तो नहीं नेगेटिविटी दूर होती, लेकिन बहुत पॉजिटिव हो जाती हूँ और बहुत सुकून मिलता है बहुत खुशी मिलती है।
How to avoid Vengeance/Revenge –
Credits: Ashu Channel
आज बैठे-बैठे मेरे दिमाग में एक स्टोरी आई, मैं आपके साथ पहले शेयर करूंगी वो कहानी मेरे दिमाग में ऐसे आई कि जब तक हम परमात्मा के साथ नहीं जुड़े होते हैं तो हम बहुत चीजों से भटके होते हैं। हमारे अंदर बहुत सारी negativity होती है। हम अपने दिल में दूसरों के लिए बहुत सारी बद्दुआएं रखते हैं, बहुत ज्यादा नेगेटिव सोच रखते हैं और जब हम परमात्मा के साथ जुड़ जाते हैं जब हमे रूहानियत की चीजें समझ आने लगती है, जब हम spirituality की नॉलेज लेना शुरू करते हैं जब हम बुक्स पढ़ते हैं और उन बुक्स में जो लिखा होता है उसको अपने डेली लाइफ में implement (अमल करना) करते हैं तो मुझे ऐसे लगता है कि हम बहुत पॉजिटिव हो जाते हैं हमें रियलिटी आफ लाइफ पता चलती है।
एक स्टोरी मुझे याद आई मैंने कहीं पर पड़ी थी कि आर्मी में एक सोल्जर था उससे कोई मिस्टेक हो गई।उसका जो ऑफिसर था उसने उसे पनिशमेंट दी, कि तुम्हारी यह पनिशमेंट है कि तुम इस तपती धूप में, यूनो उस समय गर्मियों के दिन थे और धूप बहुत तेज थी तपती धूप में पूरा दिन सैल्यूट करके ग्राउंड में तुम खड़े रहोगे, जो सोल्जर था He commit his mistake उसने अपने मिस्टेक को एडमिट किया और पूरा दिन सलूट करके ग्राउंड में खड़ा हो गया।
वहां पर ऑफिसर के सीनियर ऑफिसर ने विजिट किया और उस ऑफिसर ने सोल्जर को देखा वहाँ खड़े हुए। सीनियर ऑफिसर ने पूछा की ऑफिसर यह सोल्जर वहां पर इस तरह से क्यों खड़ा है तो उसने बोला सर इसने इस तरह की मिस्टेक करी थी और मैंने ही इसको यहाँ पे पनिशमेंट देकर खड़ा किया है
तो उसने कहा, “ऑफिसर क्या आपको आर्मी के रूल नहीं पता, कि आर्मी में अगर कोई इंसान Salute देता है तो दूसरा इंसान वहां खड़ा होना चाहिए उस Salute को रिसीव करने के लिए क्योंकि तुम ही ने यह पनिशमेंट दी है सोल्जर को, अब तुम ही वहां पर खड़े हो जाओ वहां पर जो सेल्यूट है उसे रिसीव करने के लिए ” और उस ऑफिसर को पूरा दिन वहां पर सोल्जर के साथ खड़ा रहना पड़ा।
मेरा यह स्टोरी सुनाने का मकसद यह है कि हम जब हम जब भी कभी भी हम किसी के लिए बुरा सोचते हैं। जब भी हम किसी के लिए कुछ बुरा करने का सोचते हैं या बुरा करते हैं तो कहीं ना कहीं उसका इंपैक्ट उस पर हो ना हो, नेगेटिविटी उस तक पहुंचे ना पहुंचे, नेगेटिविटी लेनी है या नहीं लेनी है, यह बाद की बात है उसका जो सबसे पहला और बड़ा इंपैक्ट पड़ेगा वो हम पर पड़ेगा।
यह मैंने खुद अपनी लाइफ में बहुत बार महसूस किया है जब हम दूसरे का बुरा चाहते हैं तो यह मैंने कहीं पढ़ा भी है कि जब हम दूसरों का बुरा करने जाते हैं तो पहले हमारा ही बुरा हो जाता है।
यह जो लाइफ है बहुत ही छोटी है, हमें यह नहीं पता कि हमारी लाइफ कितनी बची है। इसलिए हमें अपने दिल में दूसरों के लिए ईर्ष्या या दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए। कोई ऐसी नेगेटिविटी नहीं रखनी चाहिए है जिससे की जो नेगेटिविटी है वो कन्वर्ट हो जाए गुस्से में, डिप्रेशन में, स्ट्रेस हमारे लिए।
क्योंकि हमने महाभारत में भी देखा है हम सबको पता है कि जो दुर्योधन था, दुर्योधन ने क्या किया? कृष्णा गए थे दुर्योधन के पास सिर्फ यह प्रस्ताव लेकर की आप जो है पांडवों को सिर्फ 5 गांव दे दो। अपने बदले अपने प्रतिशोध के चलते दुर्योधन ने वह 5 गांव पांडवों को नहीं दिए। उसकी वजह से जो सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा वो उसी को उठाना पड़ा।
मैं पर्सनली आपको यही बोलूंगी कि जब भी हम दूसरों को पनिश करने का सोचते हैं। जहां उससे बदला लेना चाहते हैं या उसको मजा चखाना चाहते हैं तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह हमारी ड्यूटी है क्या हम नए कर्म नहीं बना रहे हैं। और अगर हम नए कर्म बना रहे हैं तो उसमें और हमें कोई भी डिफरेंस नहीं रहेगा।
मैं उम्मीद करती हूँ मैंने जो भी स्टोरी आपको बताई है, यह आपने भी अपनी लाइफ में बहुत बार एक्सपीरियंस की होगी और हम सबको इंसान होने के नाते कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर हम किसी के लिए नेगेटिव सोचेंगे तो उससे हमारा भला होगा नहीं। जो नेगेटिव इंपैक्ट है वो सबसे पहले हमारे ऊपर आएगा।
Come near to GOD & he will come near to you – आत्मा का संबंध परमात्मा से जुड़ने पर शांति व शक्ति प्राप्त होती है।
Ashu Sanan Channel
“ये मत कहो खुदा से मेरी मेरी मुश्किलें बड़ी है
इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है!”
हम सब की लाइफ में मुश्किलें आती हैं। कोई भी ऐसा इंसान नहीं होगा, जिसकी लाइफ हमेशा नार्मल चलती रहे या बिल्कुल stable चलती रहे। उतार-चढाव आना जो है वह नेचर का पार्ट है। वो हमारे अपने कार्मिक अकाउंट की वजह से हमारी लाइफ में आता है। लेकिन जब भी हमारे को कोई भी परेशानी आती है या कोई भी हमारी लाइफ में मुश्किल आती है।
तो हमारा सबसे बड़ा काम यह है कि हमें उस भगवान की शरण में रहना है हमें उसको ज्यादा से ज्यादा सिमरन करना है, हमें उसको ज्यादा से ज्यादा याद करना है और हमें ज्यादा से ज्यादा उसकी शरण में जाना है कि हम पॉजिटिव रहे।
हम जितना परमात्मा के पास जाएंगे जितना हम परमात्मा के साथ नजदीकी बनाएंगे हम उतना ही लाइफ में पॉजिटिव रहेंगे। जितनी भी यह नेगेटिविटी है ना यह नहीं आएगी। यह मैंने अपनी लाइफ में खुद observe किया है।
हम जब-जब उस परमात्मा से, जब-जब हम भगवान से, अपने आप से दूर होते हैं, जब-जब हम अपने values and beliefs से दूर होते हैं। तब हमारे अंदर नेगेटिविटी आती है, तब हम depress होते हैं, तब हमारे अंदर गुस्सा आता है, anxiety आती है, और हम कुछ भी गलत करते हैं वो कुछ गलत हमारे लिए भी हो सकता है और वह जो गलत है वह दूसरों के लिए भी हो सकता है।
जो सबसे पहला नुकसान है वह हम अपना ही करते हैं। मेरा यह मानना है, हम सब का यही मानना है कि हम जितना भगवान की शरण में रहेंगे, जितना हम उसका शुकराना करेंगे, जितना हम पूजा पाठ करेंगे, जितना हम गुरुद्वारे जाएंगे, मंदिर जाएंगे या हम कोई धार्मिक स्थानों में जाएंगे, हम उतना ही सकारात्मक रहेंगे।
आज के टाइम में हमे positive रहना बहुत जरूरी है। अगर हम पॉजिटिव नहीं रहेंगे, तो बहुत नेगेटिविटी है जो हमारे को प्रभावित करेगी और हम कुछ भी गलत स्टेप लाइफ में उठा सकते हैं।
लोग बोलते हैं कि जब खुशी आती है तब हमें भगवान को याद करना है या जब सब सेट हो जाएगा हम तब भगवान को याद करेंगे, अभी मेरा टाइम नहीं है याद करने का, यह मेरी उम्र नहीं है याद करने की, बिल्कुल ठीक है।
हमारी लाइफ में कोई भी ऐसा टाइम नहीं आएगा जिसमें कि हम बिल्कुल फ्री हो जाएंगे और हम उस भगवान को याद करेंगे। हमें उसको डेली बेसिस पर याद करना चाहिए। दिन के 5 मिनट ही क्यों ना करें। अगर हम एक बार गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद या कहीं पर भी जाकर हम मथा टेक आते हैं तो मुझे लगता है हम बहुत पॉजिटिव रहेंगे।
हमें अपने पूरा दिन में यह फील होगा कि भगवान हमारे साथ है और हम कभी भी नेगेटिव नहीं सोचेंगे। हम अपनी लाइफ में पॉजिटिव करेंगे और कभी भी negativity को हावी नहीं होने देंगे और चाहे जितनी भी मुश्किलें आ जाए परेशानियां आ जाए, उतार-चढाव आ जाए, हम स्टेबल रहेंगे, हम उनको स्ट्रांग बनके एक्सेप्ट करेंगे और उनको डिफीट करेंगे, क्योंकि टाइम एक जैसा नहीं रहता है अगर बुरा टाइम आया है तो यह भी निकल जाएगा और अच्छा टाइम आएगा और अच्छा टाइम है तो यह कभी भी हमेशा नहीं रहेगा फिर बुरा टाइम भी आएगा तो हमें उसके लिए तैयार रहना है।