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True love story – कॉलेज की एक सच्ची प्रेम कहानी – कॉलेज लव स्टोरी

true love story in hindi

दोस्तों, आज मैं आपके साथ शेयर कर रही हूँ। True love story in hindi जोकि एक सच्चे प्यार की कहानी है। यह एक कॉलेज लव स्टोरी (college love story in hindi) है। यह hindi heart touching story आपको जरूर पसंद आएगी और काफी इंटरेस्टिंग लगेगी।

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गौरव शुक्ला, मिडिल क्लास फैमिली का लड़का था। बहुत ही हैंडसम और अट्रैक्टिव था और साथ ही साथ पढ़ाई में भी बहुत अच्छा था। 12th में अच्छा स्कोर करने की वजह से शहर के टॉप कॉलेज में उसे एडमिशन मिल गया था।

उसका दोस्त राहुल मेहता जो कि रिच फैमिली से बिलॉन्ग करता था उसने भी उसी कॉलेज में एडमिशन लिया था। राहुल के पापा बहुत बड़े बिजनेसमैन थे, सो उनके घर में गाड़ियों, नौकर चाकरों की कमी ना थी। राहुल अपनी पर्सनल कार से ही कॉलेज जाता था, लड़कियां खूब इंप्रेस थी उससे। 

राहुल दिल का बहुत अच्छा था। वो अपने दोस्त गौरव को भाई मानता था। उसको अपनी कार में ही कॉलेज लाता, छोड़ कर आता था। वह दोनों घंटों साथ बिताते थे। राहुल, गौरव को महंगे महंगे गिफ्ट्स भी देता रहता था इसलिए कॉलेज में सभी यह सोचते थे कि गौरव भी खूब अमीर है। 


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बात राहुल के बर्थडे पार्टी की है,जहां बहुत सारे लड़के-लड़कियां आए हुए थे। उनमें से एक थी दिव्या। दिव्या को देखते ही गौरव को उससे पहली नजर में ही प्यार हो गया था।

दिव्या थी ही इतनी सुंदर कि कोई भी उस पर मर मिटे । बड़ी-बड़ी गहरी आंखें, सुंदर नयन नक्श, लंबे बाल किसी अप्सरा से कम नहीं थी वो, गौरव थोड़ी सी हिम्मत करके उसके पास गया वहां पर और भी लड़के-लड़कियां खड़े थे इसीलिए कुछ बोल ही नहीं पाया। बाद में राहुल से ही उसे पता चला कि वह उन्हीं के कॉलेज में साइकोलॉजी की स्टूडेंट है और अमीर मां-बाप की इकलौती बेटी है। 

गौरव ने अपने मन की बात राहुल से कह दी थी। अब राहुल ने उनकी फ्रेंडशिप करवाने की सोची। राहुल की कोशिश रंग लाई और दोनों में दोस्ती हो गई। लेकिन गौरव तो दिव्या से प्यार करता था पर कहने में हिचक रहा था। 

14 फरवरी का दिन था यानी वैलेंटाइंस डे । राहुल को यह बिल्कुल सही मौका लगा था गौरव के लिए, सो उसने गौरव से कहा कि तुम दोनों अच्छे दोस्त बन चुके हो दिव्या को आज प्रपोज कर दे। 

राहुल ने सारे अरेंजमेंटस पहले ही कर रखे थे, गौरव को बस अपने मन की बात कहनी थी तो हिम्मत करके गौरव ने दिव्या को वैलेंटाइंस डे वाले दिन प्रपोज कर ही दिया। गौरव अट्रैक्टिव था,  हैंडसम भी था, दिव्या उसे पसंद भी करने लगी थी और उम्र भी नाजुक थी, इस उम्र में तो दिल, दिमाग पर हमेशा हावी रहता ही है। उसने झट से हां कर दी। गौरव भी बहुत खुश था दिव्या को गर्लफ्रेंड के रूप में पाकर,  उनकी जोड़ी खूब जचती थी।

 गौरव के लिए वैलेंटाइंस डे जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन गया था। दिव्या को पाना उसकी लाइफ का सबसे बड़ा सपना जो था। कॉलेज का एक साल कब बीत गया पता ही नहीं चला, अगला वेलेंटाइंस डे आ गया। इस बार भी राहुल ने गौरव और दिव्या के लिए अच्छे से रेस्टोरेंट में सभी अरेंजमेंट्स करवा दिए थे और अपनी गाड़ी भी गौरव को दे दी थी।

दिव्या और गौरव बहुत खुश थे। यह वाला वैलेंटाइंस डे भी एकदम अच्छा गया दोनों का, दिव्या दिल की तो अच्छी थी लेकिन वैसे वह मस्त मौला स्वभाव की थी, थोड़ी जिद्दी,  बेपरवाह लड़की थी। किसी भी बात को लेकर सीरियस नहीं थी।


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वहीं दूसरी तरफ गौरव हर बात को गंभीरता से लेने वाला, परवाह करने वाला लड़का था।  उसकी एक खास आदत भी थी हर रोज डायरी लिखने की, और आज तो उसने कई पन्ने भर दिए थे। स्पेशल वाला वैलेंटाइंस डे जो था।

समय पंख लगाकर उड़ रहा था। कॉलेज खत्म हो चुका था। गौरव को अच्छी सी कंपनी में जॉब मिल गई थी। दिव्या और गौरव अब भी मिलते थे, कभी ग्रुप में तो कभी अकेले, लेकिन गौरव की जॉब के कारण दोनों का मिलना पहले से थोड़ा कम हो गया था। 

एक दिन जब वो दोनों मिले तो गौरव ने दिव्या से शादी करने की बात कही लेकिन दिव्या का जवाब सुनकर वह हैरान रह गया। उसने कहा, “मुझे लाइफ में बहुत कुछ करना है, मैं स्टडी के लिए लंदन जा रही हूं।

हम दोनों के स्टेटस मैच नहीं करते। तुम्हारे साथ जो टाइम स्पेंड किया वह अच्छा था। मेरा बॉयफ्रेंड कॉलेज का सबसे हैंडसम और इंटेलिजेंट लड़का था, यह मेरे लिए बड़ी बात थी लेकिन तुमसे शादी करने की बात मैंने कभी नहीं सोची।” गौरव उसकी बात सुनकर एकदम सुन्न हो गया। वह कुछ भी नहीं बोल पाया और चुपचाप वहां से चला गया। 

अब गौरव का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगा। वो हरपल उदास रहने लगा। किसी काम में उसका मन ही नहीं लगता था। घर वाले भी परेशान हो गए थे उसकी हालत देखकर,  राहुल ने उसे खूब समझाया और आगे बढ़ने की सलाह दी। 

वह कहते हैं ना वक्त बड़े से बड़े जख्म को भर देता है। गौरव भी अब संभल चुका था। घरवालों ने एक साधारण नैन-नक्श वाली, सिंपल और पढ़ी-लिखी लड़की से उसकी शादी करवा दी थी, उसका नाम स्नेहा था। अपने नाम की तरह ही सबको प्यार करने वाली, स्नेह से भरी हुई लड़की थी स्नेहा। उसके सरल स्वभाव ने सबका दिल जीत लिया था, लेकिन गौरव दिव्या को भूल नहीं पा रहा था।

स्नेहा को इतना प्यार नहीं दे पा रहा था जितना वो डिज़र्व करती थी। स्नेहा को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि गौरव का स्वभाव तो बहुत अच्छा था फिर भी उसे कुछ कमी सी महसूस हो रही थी। 


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फिर एक दिन कमरे की सफाई करते हुए स्नेहा को गौरव की डायरी मिल गई। वह सारा मामला समझ चुकी थी।  उसने किसी को कुछ नहीं बताया बस अपने हिसाब से सब हैंडल करने की सोची। एक हफ्ते बाद वैलेंटाइंस डे आने वाला था। उसने 14 फरवरी को गौरव के लिए फिर से एक यादगार दिन बनाने का प्लान बनाया।  

आखिर वह दिन आ ही गया। स्नेहा ने अपने कमरे को जोकि घर के फर्स्ट फ्लोर पर था, गुब्बारों से और गुलाब के फूलों से खूब सजा दिया। साथ ही अपने हाथों से बड़ा सुंदर सा केक बनाया। गौरव को उस दिन वैसे भी दिव्या के साथ बिताए पल याद आ रहे थे। वह बहुत उदास था तो राहुल से मिलने चला गया। स्नेहा को फोन करके कह दिया कि डिनर बाहर करके आएगा और रात को लेट घर आएगा। 

उस दिन गौरव रात के 12 बजे घर लौटा, जैसे ही गौरव कमरे में आया तो देखता ही रह गया। पूरा कमरा स्नेहा के प्यार से और फूलों की खुशबू से महक रहा था। स्नेहा ने घुटनों पर बैठकर और हाथों में गुलाब का फूल लेकर गौरव से कहा:-
  “will you be my valentine!”

गौरव ने स्नेहा को गले से लगा लिया। दोनों का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था और पलके भीगी हुई थी। स्नेहा ने डायरी के बारे में गौरव को सब बता दिया था।  गौरव ने स्नेहा का हाथ, अपने हाथों में लेकर उससे उम्र भर प्यार करने का वादा किया और उससे माफी भी मांगी। आज गौरव को सच्चा प्यार मिल गया था। 

आप लकी हैं अगर आपको वो मिल जाए जिसे आप चाहते हैं, लेकिन आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान है अगर आपको वो मिल जाए जो आपको चाहता हो।


दोस्तों, कैसे लगी आपको हमारी “True love story in hindi ” हमे comment करके जरूर बताएं और हाँ अगर आपके पास भी कोई Interesting story है तो आप हमसे share करें।

धन्यवाद! 

By:- मीनाक्षी कुंडू

Image credit:- canva

Author (लेखक)

  • Minaxi Kundu

    मेरा नाम मीनाक्षी कुंडू है। मुझे पढ़ना, लिखना,संगीत सुनना और गाना बहुत पसंद है, ख़ासकर हिंदी साहित्य की किताबें पढ़कर मन को बहुत अच्छा लगता है। मैं कविताएं, कहानियाँ, लेख, लोक गीत, प्रेम गीत, भजन सब लिख लेती हूँ। हिंदी में लिखना और पढ़ना मेरे मन को सुकून देता है। हरियाणवी मेरी प्रिय बोली है। अपनी बोली में लिखी कविताएं बहुत भाती हैं। मैं हरियाणवी में भी लोक गीत और कविताएँ लिखती हूँ।

11 thoughts on “True love story – कॉलेज की एक सच्ची प्रेम कहानी – कॉलेज लव स्टोरी”

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  2. एक मेरी भी गर्लफ्रेंड थी उसका नाम था शिवानी सिंह मैं भी उससे बहुत ही प्यार करता था पर वह मुझे मिली नहीं

  3. Ma bhi collage mai hu yaha pata kitne pyar karne wale hath mai hath daal ke ghumte rehte hai true love

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