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Farmers Protest: MSP क्या है और इसके लिए दिल्ली में प्रदर्शन क्यों हो रहा है? जानिए पूरी जानकारी।

Farmers Protest Reason


किसानों ने 2020 से 2021 तक एक साल के दौरान सरकार के खिलाफ आंदोलन (Farmers Protest Reason) किया था। यह आंदोलन किसान आंदोलन के नाम से मशहूर था। इस आंदोलन ने एक साल तक केवल मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) के लिए लड़ा था।

साल 2021 के नवंबर महीने में, सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव दोनों सदनों में पारित कर दिया था। इसके साथ ही, किसानों ने एक और मांग की थी कि उनकी फसलों के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी दे. इस प्रस्ताव को लेकर, किसान अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

आम लोगों के लिए यह समझना उचित है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है। सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं हो रहा है, इसका कारण क्या (Farmers Protest Reason)है? क्या किसानों की मांग उचित है या उनका इस्तेमाल राजनीति के लिए हो रहा है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) क्या है?

MSP का पूरा नाम ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ है। यह भारतीय कृषि नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें सरकार किसानों द्वारा उगाई गई फसल के लिए एक मूल्य निर्धारित करती है, जिसे किसान फसल को मंडी में बेचने पर प्राप्त करता है। यह मूल्य किसान को उस फसल की वास्तविक मूल्य के आधार पर दिया जाता है।

MSP की शुरुआत कब हुई?

MSP (Minimum Support Price) की शुरुआत भारत में 1966-67 की कृषि वर्ष से हुई थी। इस नीति को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को न्यूनतम आय सुनिश्चित करना था ताकि वे अपनी उत्पादकता बनाए रख सकें और किसानों को किसानी से संबंधित अन्य जोखिमों का सामना करने की क्षमता प्रदान कर सकें।
इस नीति के जरिए सरकार ने किसानों को उनकी उत्पादित फसलों के लिए एक न्यूनतम मूल्य गारंटी दी, जिससे किसानों को निर्धारित मूल्य से कम आय नहीं होती थी। इससे किसानों को अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाता था और उन्हें उत्पादित फसलों को बेचने में मदद मिलती थी।

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MSP कैसे तय करती है सरकार

सरकार द्वारा एमएसपी को तय करने के लिए विभिन्न कारकों का ध्यान रखा जाता है। इसे कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित किया जाता है। सरकार उत्पाद की लागत, बाजार में कीमत, मांग और आपूर्ति की स्थिति आदि को देखकर एमएसपी को तय करती है। इसके अलावा, जिले, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्थितियों को जानने के बाद ही एमएसपी निर्धारित की जाती है।

किन फसलों पर लगता है MSP?

कृषि मंत्रालय वर्तमान में 23 फसलों पर एमएसपी लागू कर रहा है, जिसमें खरीफ और रबी फसल सहित अन्य सीजन की कमर्शियल फसलें शामिल हैं। इनमें 7 अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का, गेहूं, धान, जौ और रागी शामिल हैं। साथ ही, 5 दालें- मूंग, अरहर, चना, उड़द और मसूर के अलावा, 7 तिलहन भी आते हैं। इनमें सोयाबीन, कुसुम, तिल, सूरजमुखी, मूंगफली, तोरिया-सरसों और नाइजर बीज शामिल होते हैं। इसके अलावा, इन फसलों की सूची में 4 कमर्शियल फसलें भी हैं- कपास, खोपरा, गन्ना और कच्चा जूट।

MSP को लेकर किसानों में डर क्या है?

एमएसपी का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी लागत का 50 फीसद रिटर्न देना है, लेकिन यह कई बार सफल नहीं होता है। कई स्थानों पर, किसानों को फसल को एमएसपी से कम कीमत पर बेचना पड़ता है। अब ऐसे मामले में किसानों को कानूनी सहायता की जरुरत पड़ती है और सरकार की सहायता की भी आवश्यकता होती है। यह एक नीति है और सरकार चाहे तो इसे कभी भी बंद कर सकती है। और यही डर किसानों को है।

MSP को लेकर किसानों की मांग क्या है?

किसानों के आंदोलन (Farmers Protest Reason) की मुख्य मांग यह है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर फसल ख़रीद को अपराध घोषित करना चाहिए और एमएसपी पर सरकारी ख़रीद जारी रखनी चाहिए। इसके साथ ही, अन्य फसलों को भी एमएसपी के दायरे में लाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने तो एमएसपी की व्यवस्था और सरकारी खरीद के जारी रहने की बात कही है, लेकिन किसान संगठन चाहते हैं कि इसे क़ानूनी रूप में लिखित में दर्ज किया जाए।


किसानों के प्रदर्शन का कारण (Farmers Protest Reason)

भारत में किसानों के चल रहे प्रदर्शनों के कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख हैं MSP:

  • किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत MSP प्रदान करे। वर्तमान में, केवल 23 फसलों के लिए MSP घोषित किया जाता है, और किसानों को लगता है कि यह अपर्याप्‍त है।
  • किसानों का कहना है कि मौजूदा MSP का निर्धारण उचित तरीके से नहीं किया जाता है, और यह उनकी उत्पादन लागत को पूरी तरह से कवर नहीं करता है।
  • किसान चाहता है कि MSP को लागत से 50% अधिक मुनाफा देकर तय किया जाए।

किसानों को कैसे मिल रहा है MSP का लाभ

किसानों को MSP का लाभ कई तरीकों से मिल रहा है जैसे:

  • किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है और उनकी जीवन स्तर में सुधार होता है।
  • कृषि उपज की कीमतों में उतार-चढ़ाव कम होता है, जिससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है और वे अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से बना सकते हैं।
  • किसानों को कृषि में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होती है और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है।
  • खाद्य सुरक्षा को मजबूत करता है, क्योंकि यह किसानों को अपनी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे देश में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

निष्कर्ष: एमएसपी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण नीति है। यह किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य, बाजार में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा और कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित करता है। सरकार एमएसपी को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई पहल कर रही है।


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Author (लेखक)

  • Lifewingz Team

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