Mothers Day Poem in Hindi: मदर्स डे पर मैं आपके साथ मां पर लिखी एक कविता शेयर कर रही हूँ। ये कविता दिल को छू लेने वाली और इस कविता की हर पंक्ति भावुक कर देने वाली है। आप सभी लोगों को यह कविता बहुत पसंद आएगी।
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Heart Touching Mothers Day Poem in Hindi
घुटनो से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा हैं
सीदा-सादा, भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ
मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ
कैसा था नन्हा बचपन वो
माँ की गोद सुहाती थी,
देख देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती थी।
ज़रा सी ठोकर लग जाती तो
माँ दौड़ी हुई आती थी,
ज़ख्मों पर जब दवा लगाती
आंसू अपने छुपाती थी।
जब भी कोई ज़िद करते तो
प्यार से वो समझाती थी,
जब जब बच्चे रूठे उससे
माँ उन्हें मनाती थी।
खेल खेलते जब भी कोई
वो भी बच्चा बन जाती थी,
सवाल अगर कोई न आता
टीचर बन के पढ़ाती थी।
सबसे आगे रहें हमेशा
आस सदा ही लगाती थी,
तारीफ़ अगर कोई भी करता
गर्व से वो इतराती थी।
होते अगर ज़रा उदास हम
दोस्त तुरन्त बन जाती थी,
हँसते रोते बीता बचपन
माँ ही तो बस साथी थी।
माँ के मन को समझ न पाये
हम बच्चों की नादानी थी ,
जीती थी बच्चों की खातिर
माँ की यही कहानी थी।
Miss You Maa
माँ एक ऐसा अवतार है जिसे शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। फिर भी, हमने कविता के माध्यम से माँ को व्यक्त करने का प्रयास किया है; यदि पसंद आए, तो कृपया अपने दोस्तों और परिवार के साथ फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर साझा करें।
Image Credit:- Canva
Wow nice best poem