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Nirjala Ekadashi: जानिए, निर्जला एकादशी व्रत कथा,पूजा विधि और व्रत करने के फायदे

nirjala ekadashi ke fayde in hindi

Nirjala Ekadashi in Hindi 2023: निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी के व्रतों में श्रेष्ठ और फलदायी माना गया है।

Nirjala Ekadashi Vrat: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत करने से जातकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। लोगों की इस व्रत में अटूट आस्था है। इस बार यह एकादशी 31 मई 2023 को आ रही है। इस एकादशी के दिन लोग निर्जला व्रत रखते हैं। 

इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि महाबली भीम ने भी इस एकादशी व्रत को किया था। 

ज्येष्ठ के पूरे महीने अत्यधिक गर्मी के कारण पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। ज्येष्ठ के महीने में जल दान करने का महत्व हिंदू धर्म में बताया गया है। निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष विधि से पूजा की जाती है। इस महीने में जल का दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

निर्जला एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस एकादशी का व्रत समस्त तीर्थों की यात्रा और समस्त दानों से भी बढ़कर बताया गया है। भगवान वेदव्यास ने कुंती पुत्र भीम को इस व्रत का महत्व बताते हुए इस व्रत को मोक्ष देने वाला बताया। इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

प्रात: स्नान करके व्रत का संकल्प लें। नारायण और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और विधि विधान से पूजा करें। पूजा के समय उन्हें हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, भोग, वस्त्र, दक्षिणा, धूप और दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद व्रत कथा को पढ़ें या सुनें। फिर आरती करें। आपको पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए व्रत रखना है। 

अगले दिन स्नान के बाद किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं और जल से भरे कलश पर सफेद वस्त्र, शक्कर और दक्षिणा आदि का दान करें। उनका आशीर्वाद लेने के बाद व्रत समाप्त करें।

निर्जला एकादशी व्रत के दिन सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक जल और अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।

अगर आपके लिए निर्जल रहना संभव नहीं है तो आप फलों के जूस, दूध और फलों का सेवन कर सकते हैं। व्रत वाले दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

— मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरे वर्ष की एकादशियों में से एक का भी व्रत नहीं कर पाता है और यदि वह व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत करता है तो उसे सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है।

— भगवान विष्णु की कृपा उनके परिवार पर बरसती रहती है। अगर आप एकादशी का व्रत नहीं कर रहे हैं तो आपको एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

— इस व्रत को करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।

— इस व्रत को करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है, साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

— पद्मपुराण में कहा गया है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से मनोकामना पूरी होती है। इस एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने से सभी एकादशियों के व्रत का फल मिलता है।

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राजा पांडु के घर में सभी सदस्य एकादशी का व्रत रहा करते थे, लेकिन भीम से भूख सहन नहीं होती थी, इसलिए वे व्रत नहीं रख पाते थे। एक बार उन्होंने वेदव्यासजी से पूछा, ‘हे परमपूज्य! मुझे व्रत करने में बहुत दिक्कत होती है।  

आप कोई ऐसा उपाय बताइये जिससे मुझे व्रत न करना पड़े और फल की प्राप्ति हो। तब वेदव्यासजी ने कहा, यदि मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करना है तो एकादशी का व्रत करना अत्यंत आवश्यक है। हर महीने में दो एकादशी का व्रत आता है।

यदि आप कोई भी एकादशी का व्रत नहीं कर सकते है, तो ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला व्रत जरूर रखें। इस दिन तुम अन्न और जल दोनों ग्रहण नहीं करोगे।

इस व्रत को करने से साल भर की एकादशी का पुण्य मिलता है। भीम इसके लिए तैयार हो गए और निर्जला एकादशी का व्रत करने लगे। तभी से इस एकादशी को भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाने लगा।

— व्रत के दिन ज्यादा दौड़-भाग न करें। धूप में निकलने से बचें। 

— व्रत के दिन कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे शरीर में थकान महसूस हो।

— किचन या किसी दूसरी गर्म जगह पर ज्यादा देर तक रहने से बचें।

 माना जाता है कि निर्जला एकादशी पर दान करने से व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक लाभ होता है। बिना दान-पुण्य के यह व्रत पूरा नहीं होता है। इसलिए, इस शुभ दिन कुंभ में जल दान करना बहुत ही शुभ होता है। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न, छाता, कपड़े, जूते और फल जैसी आवश्यक वस्तुएं भी दान कर सकते हैं। इस दिन उदारतापूर्वक दान करने से व्यक्ति महान पुण्य और आशीर्वाद अर्जित कर सकता है।


निष्कर्ष:- निर्जला एकादशी पर जल दान करना साल की 24 एकादशियों पर दान करने के बराबर माना जाता है। यह त्योहार सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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By:- Minakshi
Image Credit:- Canva, Pinterest

Author (लेखक)

  • Mrs. Minakshi Verma

    मैं, मिनाक्षी वर्मा, पेशे से हिंदी ब्लॉगर हूँ और इस क्षेत्र में मुझे काफी अनुभव हो चुका है। मैं  डाइट-फिटनेस, धार्मिक कथा व्रत, त्यौहार, नारी शक्ति आदि पर लिखती हूँ। इसके इलावा फूड, किड्स बुक्स, और महिलाओं के फैशन के बारे में लिखना मेरे पसंदीदा विषय है।

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