Guru Nanak Dev Ji Life Story: आज के लेख में आप संत गुरुनानक जी की जीवन की कहानी पढ़ने जा रहे है। ये guru nanak story hindi में है। मुझे आशा है कि संत गुरु नानक जी की जीवन कहानी पढ़कर आप पर भी उनके जीवन का प्रभाव पड़ेगा। आप इस लेख को निबंध के (essay on guru nanak dev ji in hindi) रूप में अपने स्कूल और कॉलेज में भी लिख सकते हैं।
Guru Nanak Dev Ji Life Story | गुरु नानक देव जी जीवन कथा
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। उनका जन्म 15 नवंबर, 1469 को पंजाब के लाहौर जिले में तलवंडी नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम कल्याण चंद था और माता का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक जी ने बचपन से ही ईश्वर और धर्म के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। वे सभी धर्मों और पंथों के लोगों के साथ प्रेम और सद्भाव से रहते थे।
एक दिन, जब गुरु नानक जी लगभग 30 वर्ष के थे, तो उन्हें एक दिव्य प्रकाश का अनुभव हुआ। इस प्रकाश में, उन्होंने ईश्वर को एक एकल, सर्वव्यापी, और प्रेमपूर्ण शक्ति के रूप में देखा। इस अनुभव के बाद, उन्होंने ईश्वर को एक ही नाम “इक ओंकार” के रूप में प्रचार करना शुरू कर दिया। इसका अर्थ है “एक ईश्वर है।”
गुरु नानक जी ने अपने जीवन में कई यात्राएं कीं और लोगों को ईश्वर के एक होने और सभी धर्मों के समान होने का संदेश दिया। उन्होंने लोगों को प्रेम, दया, और करुणा के साथ रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
गुरु नानक जी एक महान संत, दार्शनिक, और समाज सुधारक थे। उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की, जो आज दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा माना जाता है।
यहां गुरु नानक जी की कुछ प्रसिद्ध कहानियां दी गई हैं:
गुरु नानक जी और खरा सौदा
एक दिन, गुरु नानक जी के पिता ने उन्हें 20 रुपये दिए और कहा कि वे बाजार से खरा सौदा कर लाएं। गुरु नानक जी बाजार गए और रास्ते में कुछ भूखे साधुओं को मिले। उन्होंने अपने पैसे से साधुओं को भोजन कराया और फिर पिता के पास लौट आए। जब उनके पिता ने उनसे पूछा कि उन्होंने क्या खरीदा है, तो उन्होंने कहा, “मैंने सच्चा सौदा खरीदा है।” उनके पिता ने उन्हें समझाया कि उन्होंने 20 रुपये का नुकसान किया है, लेकिन गुरु नानक जी ने कहा कि उन्होंने सच्चा सौदा किया है, क्योंकि उन्होंने ईश्वर के भक्तों की सेवा की है।
संत और भिखारी
एक दिन, गुरु नानक जी एक संत से मिले। संत ने उनसे कहा कि वे बहुत धनी हैं और उन्हें अपनी संपत्ति का दान देना चाहिए। गुरु नानक जी ने कहा कि वे पहले से ही दान कर रहे हैं, क्योंकि वे ईश्वर के भक्तों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने संत को कहा कि सच्चा दान वह है जो दिल से किया जाता है।
ईश्वर का रूप
एक दिन, गुरु नानक जी एक तालाब के किनारे बैठे थे। एक मुस्लिम फकीर भी वहां बैठा था। फकीर ने कहा कि ईश्वर एक है और वह एक मुस्लिम है। गुरु नानक जी ने कहा कि ईश्वर एक है और वह सभी धर्मों के लोगों के लिए समान है। उन्होंने फकीर को एक फूल दिया और कहा कि वह उसे ईश्वर के रूप में देखे। फकीर ने फूल को देखा और कहा कि उसने ईश्वर को देखा।
गुरु नानक जी और फूल
गुरु नानक जी का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने अपने जीवन में ईश्वर के प्रेम और एकता का संदेश फैलाया। आज भी उनके विचार और शिक्षाएं लोगों को प्रेरित करती हैं।
एकता का संदेश
एक दिन, गुरु नानक एक सभा में बैठे हुए थे। उस सभा में हिंदू और मुस्लिम दोनों थे। गुरु नानक ने कहा कि ईश्वर एक है। वह सभी धर्मों में समान रूप से मौजूद है। हिंदू और मुस्लिमों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और एक साथ मिलकर रहना चाहिए।
गुरु नानक ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए। उन्होंने लोगों को ईश्वर के एक होने और सभी इंसानों की समानता के बारे में सिखाया। उन्होंने जाति व्यवस्था और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी आवाज उठाई।
गुरु नानक ने सिख धर्म के मूल सिद्धांतों की स्थापना की। उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है, और सभी इंसान ईश्वर के बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और सभी इंसानों के साथ प्रेम और दया से पेश आना चाहिए।
गुरु नानक ने 70 साल की उम्र में 22 सितंबर1539 में अपने शरीर को त्याग दिया। उन्हें करतारपुर साहिब में दफनाया गया, जो अब एक महत्वपूर्ण सिख तीर्थस्थल है।
गुरु नानक एक महान धर्मगुरु और समाज सुधारक थे। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।
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Image Credit:- THN News