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मानसिक रोग क्यों और कैसे होता है जानिए इसके कारण, लक्षण और बचने के उपाय | Mental health problems

Mental health problems

दोस्तों, आज हम आपके लिए Mental health से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। आजकल मानसिक स्वास्थ्य (Mental health problems) को लेकर काफी बातें की जाती हैं। WHO, बहुत से govt organisations और ngos इस field में जागरुकता फैलाने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन आज भी एक बड़ी आबादी mental health disorders से जुड़े विषयों को taboo की तरह लेती है। 



जिस दौर में पूरी दुनिया ने COVID 19 के प्रकोप को देखा उसी दौर में मानसिक समस्याओं में भी बढ़त दर्ज की गई है। इसलिए कम से कम अब तो सभी को इस पर खुलकर mental health awareness पर बात करनी चाहिए। 

हमारा आज का आर्टिकल भी इसी कोशिश का एक हिस्सा है जहां हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, उसके विकारों और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी बातें आपसे share करेंगे। इसलिए ये आर्टिकल हर किसी के काम का है। 


मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा क्या है?What is mental health definition?

WHO ने हेल्थ से जुड़े हर टॉपिक की तरह मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा भी बनाई है। लेकिन हम उतनी complexity में न जाते हुए आसान शब्दों में इसे समझने की कोशिश करते हैं। 

मानसिक स्वास्थ्य उस stage को कह सकते हैं जहां आप खुद से और अपने आस-पास के वातावरण से तालमेल बिठा सकते हैं। कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। और आपकी productivity बनी रहती है। 

मानसिक स्वास्थ्य क्यों महत्वपूर्ण है? – Why is mental health important?

मानसिक स्वास्थ्य हमारे मस्तिष्क से जुड़ा है। हम सब जानते हैं कि मस्तिष्क हमारे शरीर के हर function को control करता है। इसे गाड़ी का इंजन समझ लीजिए। सोचिए कि इंजन में खराबी होने पर क्या होता है? यही बात मस्तिष्क के function में गड़बड़ होने पर नजर आती है। 

मानसिक स्वास्थ्य का मतलब बस इतना ही नहीं है की आपको किसी तरह की मानसिक बीमारी या परेशानी नहीं है। इसका दायरा बहुत बड़ा है। मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत जिंदगी के हर पहलू में पड़ती है चाहे सामाजिक जिम्मेदारी हो, relationship, आपका काम हो या फिर आपकी सेहत। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का सही होना बहुत जरूरी है। 
Imagine करिए कि किसी दिन जब आपको अपने कलीग, अपने बच्चों या किसी बात पर गुस्सा आता है तो न जाने कितने घंटों आपका मूड खराब रहता है। आपका रूटीन बिगड़ जाता है। इतना ही नहीं गुस्से और चीखने-चिल्लाने की वजह से लोग अपनी तबीयत भी खराब कर लेते हैं। 

ये तो एक बहुत छोटा सा reaction है। अंदाजा लगाइए कि एक इंसान जो लंबे समय से किसी मानसिक समस्या से परेशान है उसके जीवन पर इसका कितना बुरा और कितना गहरा असर पड़ता होगा। 

मानसिक बीमारियों में नींद खराब हो जाती है, किसी काम में दिल नहीं लगता। कई तरह की शारीरिक परेशानियां जन्म ले लेती हैं। इंसान धीरे-धीरे बाहरी दुनिया से कटने लगता है। आपने ये भी सुना होगा कि “चिंता ने उसे समय से पहले ही बूढ़ा बना दिया।” “सदमे की वजह से उसका दिल कमजोर हो गया।” डिप्रेशन में लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। 

बच्चे भी मानसिक बीमारियों का शिकार होते हैं और उनके इलाज में ज्यादा मुश्किल आती है। क्योंकि बच्चे अच्छी तरह से अपनी परेशानियों को express भी नहीं कर पाते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का बने रहना सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 


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सामान्य मानसिक स्वास्थ्य विकार – Common mental health disorders

Human brain हमेशा से scientists के लिए एक fascinating और challenging subject रहा है। और medical science इतना advance हो जाने के बाद भी human brain को ज्यादा समझ नहीं पाए हैं। 

एक इंटरव्यू में the Allen Institute for Brain Science के चीफ साइंटिस्ट Christof Koch (Ph.D.) ने कहा था कि “हम आज की तारीख में एक worm का दिमाग भी पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं।” इससे जाहिर होता है कि human brain की न जाने कितनी परतें खुलनी बाकी हैं। 

लेकिन आज जितनी भी जानकारी है उसके आधार पर भी बहुत से मानसिक विकारों को पहचाना जा चुका है। जैसे

  • एंग्जायटी 
  • Post-traumatic stress disorder
  • पागलपन
  • अवसाद
  • Dissociative disorder
  • खाने में विकार
  • Obsessive compulsive disorder
  • Paranoia
  • व्यवहार विकार
  • Schizophrenia 

बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण – Symptoms of mental health

आम तौर पर बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। हर बीमारी का लक्षण अलग होता है पर कुछ बातें कॉमन होती हैं। जैसे कि बहुत ज्यादा गुस्सा या चिड़चिड़ापन, भूख बहुत कम या बहुत ज्यादा लगना, नींद न आना, समाज से कटते जाना, lack of confidence, panic attacks, बेतहाशा हंसना या रोना, change in sexual behaviour, suicudal thoughts, तरह-तरह की आवाजें सुनाई देना। 

कभी-कभी किसी strong stimulation या trauma की वजह से व्यक्ति में अचानक ही symptoms उभर आते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ students जब exam में successful नहीं होते तो एक दम depression में चले जाते हैं। या अपने किसी beloved के न रहने पर लोग मानसिक संतुलन खो देते हैं। 

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण – Causes of mental health problems

जितना complex हमारा brain है उतने ही complex इसकी बीमारियों के reasons हैं। कुछ लोग होते हैं जो बड़े से बड़ा सदमा झेल जाते हैं। कुछ लोग मामूली से family dispute में ही इतना गुस्सा हो जाते हैं कि मरने मारने पर उतर आएं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मानसिक बीमारियों की कोई एक वजह तय नहीं की जा सकती। बहुत से factors होते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ हैं:- 

  • Brain injury
  • मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन
  • Environmental factors
  • जन्मजात मस्तिष्क विकृति
  • Family history
  • Genetic
  • Sudden shock 

इसके अलावा नशे की लत, physical abuse, brain में किसी तरह का infection (जैसे bacteria या parasite द्वारा), medicines का reaction, chemical poisoning (lead, murcury) जैसी चीजें भी mental illness की वजह बन सकती हैं। 

मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें – How to maintain mental health?

• इसमें सबसे पहला नाम आता है awareness का। खुद में, अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों के behaviour, reactions में बदलाव महसूस करें तो तुरंत consultation लें। लोग आज भी एक काउंसलर या डॉक्टर के पास जाने में शर्म महसूस करते हैं। लेकिन ये बात अच्छी तरह समझ लीजिए कि brain भी एक body part है। और कोई भी mental issue, heart problem या जोड़ों के दर्द की तरह एक बीमारी से ज्यादा कुछ नहीं है। शर्म और छिपाने की बात तो हरगिज नहीं।

• समय-समय पर mental health issues पर सेमिनार और workshops होती रहती हैं। इनको attend करें ताकि इस subject पर आपकी understanding बढ़ती रहे।

• जिन घरों में mental illness की family history है उनके। members को समय-समय पर अपनी जांच कराते रहना चाहिए।

• तनाव और नशे से दूर रहें।

• परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। Social activities में participate करते रहें।

• भरपूर नींद लें।

• एक्सरसाइज, योग और ध्यान करते रहें।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए आहार – Diet for mental health

एक बहुत पुरानी कहावत है “जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन।” यानि आपके दिलो-दिमाग पर खान-पान का असर पड़ता है। आज life में restlessness और तनाव बढ़ गया है। ऊपर से नींद और खान-पान पर ध्यान न देकर हम बात को और बिगाड़ देते हैं। ये भी सच है कि इस लाइफस्टाइल को बदलना अब काफी मुश्किल है। आपको काम तो करना ही है। ट्रैफिक में धक्के भी खाने हैं और बॉस की डांट भी झेलनी है। पर अपना खान-पान तो आप सही रख ही सकते हैं ना? हम कुछ ऐसे food items की list दे रहे हैं जो brain के function को healty रखते हैं। और तो और ये आपका stress level भी कम कर देते हैं। 

• ताजे फल और सब्जियां- इनमें केला, स्ट्रॉबेरी, avocado, हरी पत्तेदार सब्जियां और ब्रॉकली का नाम सबसे ऊपर है।

• Dark chocolate तनाव को कम करती है।

• थोड़ी मात्रा में कैफीन भी पॉजिटिव असर डालती है। एक दिन में दो से तीन कप कॉफी ली जा सकती है। लेकिन जिनको इसकी आदत नहीं है उनको दूर ही रहना चाहिए। वरना उल्टा असर हो सकता है।

• Sprouts

• Nuts and seeds जैसे अखरोट, सूरजमुखी और कद्दू के बीज। इनमें Omega-3 Fatty Acid अच्छी quantity में पाए जाते हैं। इनको brain के normal function के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। 

अब ये भी जान लीजिए कि किन चीजों से परहेज करना है

• किसी भी रह का नशा

• Processed food जैसे चिप्स, नूडल्स, बर्गर

• Refined sugar जैसे पेस्ट्री, जूस, energy drinks

• Oily चीजें

• तंबाकू और गुटका

Conclusion

मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को प्यार और अटेंशन की जरूरत होती है। यदि आप भी ऐसे किसी को जानते हैं तो उनसे प्यार और धैर्य से पेश आएं। आपका थोड़ा सा प्यार उनकी बहुत मदद कर सकता है। 

हमने अपनी तरफ से आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर संभव जानकारी देने की कोशिश की है। अगर आपके मन में कोई सवाल है तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए। 



अक्सर पूछे गए सवाल- FAQS


Q1. मानसिक रोगी कैसे होते हैं?

जो व्यक्ति अपनी feelings और behavior पर control नहीं कर पाते है। अपने आपको दूसरों से कम समझने लगते है। धीरे-धीरे सबसे दूरी बनाते जाते है। ऐसे व्यक्ति पर निराशा का भाव हावी हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक रोगी कहा जाता है।

Q2. मानसिक रोग को कैसे ठीक करें?

मानसिक रोग को ठीक करने के लिए व्यक्ति को yoga और meditation करना चाहिए। meditation करने से आप अधिक स्वास्थ्य महसूस कर सकते है। आपको अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए और उनसे अपने मन की बात करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके मन की बात भी दिमाग से निकल जाएगी और आप तनाव मुक्त भी हो जाएंगे।

Q3. मानसिक रोग में क्या खाएं?

हम सब की life में restlessness और तनाव बढ़ गया है। ऐसे में हम सबका खान-पान सही होना जरूरी हैं हम कुछ ऐसे food items बता रहे है, जो दिमाग को सुचारू रूप से काम करने में मदद कर सकते है। इसके लिए आप अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड,अलसी के बीज, फैटी फिश, नट्स, सोयाबीन तेल, पत्तेदार हरी सब्जियां जरूर शामिल करें।


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By:- Nidhi Neer
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Image credits:- canva.com, Freepik.com

Author (लेखक)

  • Dr. Nidhi Neer

    Dr. Nidhi Neer एक skilled हिंदी राइटर हैं। इन्हे कई सालों का राइटिंग का अनुभव है। डॉ. निधि नीर नियमित रूप से सभी ट्रेंडिंग विषयों पर ब्लॉग और youtube वीडियो के लिए लिखती हैं। इसमें स्वास्थ्य, फिटनेस, शिक्षा, सौंदर्य, घरेलू उपचार, वित्त, रिश्ते, प्रेरणा आदि शामिल हैं। इन्हें लिखने का शौक था, इसलिए कंटेंट राइटिंग शुरू कर दी। इसके इलावा ये कविता, कहानियाँ, academic content भी लिखती हैं। Content writing के अलावा ये अनुवाद, proofreading और पुस्तक संपादन आदि भी लिखती हैं। आप इनसे निचे दी गई email से contact कर सकते हैं: bnikhi1983@gmail.com

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