Gathiya rog ka ilaj: दोस्तों, आज के इस लेख आप जाने गए गठिया रोग (what is arthritis) क्या होता है? गठिया रोग कितने प्रकार (types of arthritis in hindi) का होता है, गठिया रोग के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार। गठिया रोग मे परहेज भी बहुत जरूरी होता है।
इस लेख में हमने पूरी कोशिश कि है आपके द्वारा पूछे गए gathiya rog के बारे में जबाब देने की, मुझे उम्मीद है आपको अपने गठिया रोग से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर इस लेख में मिल जाए।
आज हम आपको बताएंगे Arthritis मतलब गठिया रोग के बारे में, गठिया रोग अब युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में हो रहा है और यह एक चिंताजनक रोग है, गठिया रोग का मतलब है शरीर की हड्डियों के जोड़ों का नियमित दर्द होना, हो सकता है वो हड्डी पैरों की हो, हाथों की हों या फिर पूरे शरीर की क्यों न हो।
कभी-कभी तो दर्द इतना बढ़ जाता है कि हमारे जीवन के लिए भी घातक हो सकता है, जिसका सीधा संबंध हमारे बदलते और खान-पान की वजह से है और हमारी गलती ये है कि गठिया के शरुआती दर्द होने पर भी हम लोग बिना किसी चेक-अप या शिक्षित चिकित्सक से परामर्श लिए बिना किसी लोकल डॉक्टर से दवा लेने लगते हैं और रोग समय के साथ अपने आप मे परिवर्तन कर भयानक रूप ले लेता है।
फिर शायद उसे पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल हो जाता है और कई बार ऐसे समय में घुटने, टखने का प्रत्यारोपण भी करवाना पड़ता है। लेकिन हमारी दिनचर्या के कारण गठिया रोग फिर से आ जाता है, यहां आज हम आपको बताएंगे की समय रहते कैसे गठिया रोग (Arthritis disease) से कुछ घरेलू उपचार (Gathiya rog ka ilaj) करके हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
गठिया रोग क्या है ? (What is arthritis?)
गठिया रोग सामान्यता समझ मे नही आता, क्योंकि इसके लक्षण सामान्य होते हैं। लेकिन धीरे-धीरे असामान्य हो जाते हैं, हमारे गलत खान-पान, बदलती, प्रकति से बढ़ती दूरी, फलाहार से दूरी, ऐसी कई कहानियां हैं, जिनसे सभी परिचित हैं।
लेकिन फिर भी समझते नही और बाद में जब रोग असामान्य हो जाता है तब पछताने के अलावा कुछ नही बचता, गठिया रोग में शरीर मे पाए जाने वाले यूरिक एसिड का निर्माण अधिक होने लगता है, और जो विनाशकारी है क्योंकि ज्यादा एकत्र होकर यह एसिड हमारे शरीर मे एक जगह जमने लगता है, और फिर चलने, उठने, बैठने पर परेशानी उतपन्न करने लगता है। जिसका समय पर उपचार ना किया जाए तो धीरे-धीरे गठिया रोग का रूप ले लेता है।
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गठिया रोग के कारण (Reason for arthritis)
वैसे तो गठिया रोग ज्यादातर अधिक उम्र के लोगों को होता है। लेकिन कुछ सालों से गलत खान-पान की वजह से युवाओं में इस रोग की तेजी देखी जा रही है, भारत मे 15 से 20 करोड़ लोग गठिया से पीड़ित पाए गए हैं जो चिंताजनक और सोचनीय है।
– दिनचर्या का ठीक न होना।
– किसी भी तरह का तनाव रहना।
– सही समय पर सही खान-पान न मिल पाना।
– पौष्टिक खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में न शामिल करना।
– फास्टफूड का अत्यधिक सेवन या खुली वस्तुओं का सेवन करना।
गठिया रोग के लक्षण (Symptoms of arthritis)
– अचानक उठने पर घुटनों में या जोड़ों में दर्द।
– शरीर मे जकड़न और दर्द का महसूस होना।
– दर्द जब बार-बार होकर रह जाए।
– घुटने या अन्य जोड़ों में सूजन आना।
– हाथ की उंगलियों में जकड़न और दर्द होना।
– जोड़ों में कांटे सी चुभन होना।
गठिया रोग के प्रकार (Types of arthritis)
गठिया रोग के लक्षण तो लगभग समान ही होते हैं, लेकिन इनके अलग व्यवहार के आधार पर इन्हें निम्न भागों में बाँटा जाता है:-
1. इंफ्लेमेटरी गठिया(Inflammatory arthritis)– इस प्रकार के गठिया रोग में जोड़ों में सूजन आ जाती है और अकड़न के साथ दर्द होने लगता है।
2. यांत्रिक गठिया (Mechanical arthritis)- इस तरह की गठिया रोग में दर्द के साथ-साथ सम्बंधित हड्डियों को नुकसान पहुँचाकर पतला करने लगता है जो विनाशकारी है।
3. अस्थियों अर्थराइटिस(Osteo arthritis)- इस प्रकार में जोड़ों में सूजन, दर्द और घिसाब होने लगता है।
4. पेशीय गठिया (Rheumatoid arthritis)- इस तरह के गठिया रोग में हड्डियों के बजाय मांसपेशियों में दर्द और सूजन (Swelling) होता है।
5. सेप्टिक गठिया (Septic arthritis)- यह गठिया रोग सामान्यता किसी चोट के लगने के बाद बैक्टीरिया द्वारा उतपन्न होता है और कमर और घुटनों में ज्यादातर पाया जाता है।
6. मेटाबोलिक गठिया (Metabolic arthritis)- इस तरह के गठिया में यूरिक एसिड की अधिकता से जोड़ों में दर्द जैसे किसी कांटे या सुई के चुभने जैसा होता है।
7. किशोर गठिया (Juvenile arthritis)- यह रोग सामान्यता 15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है, इस रोग में हड्डियों के बढ़ते आकार में क्षरण होने लगता है।
8. स्पॉन्डिलाइटिस गठिया (Spondiloarthopaddy)- यह सामान्यता रीढ़ की हड्डियों और नसों में जकड़न उतपन्न करता है और दर्द भी।
9. वातरक्त गठिया (Gout arthritis) – यह प्रकार भी शरीर मे असामान्य बढ़ रहे एसिड के कारण होता है, और शरीर की हड्डियों को छती पहुँचाता है।
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गठिया रोग की जांच (Test for arthritis disease)
गठिया रोग की जांच के लिए कई प्रकार अपनाए जा सकते हैं इसके लिए आप निम्नलिखित में से कोई भी टेस्ट करा सकते हैं जिससे आपको पता चल जाएगा की आपको गठिया रोग है या नही:-
1. रक्त जांच (Blood test)- आप किसी भी जांच केंद्र पर जाकर अपने खून की जांच करा सकते हैं, जिससे आपके शरीर मे मौजूद यूरिक एसिड की मात्रा से पता चल जाएगा कि आपको गठिया रोग है या नही।
2. मूत्र जांच (Urine test) – मूत्र जांच से भी आपके यूरिक की जानकारी लेकर पता लगाया जा सकता है कि आप को गठिया रोग है या नही।
3. एक्स – रे (X-ray) – आपको जिस जगह पर ज्यादा दर्द रहता है आप उस जगह का एक्स-रे करवा सकते हैं, जिससे उस हड्डी की छाव से पता चल जाएगा कि वहाँ यूरिक एसिड है या नही।
4. साइनोवियल फ्लूइड (Synovial fluid)- साइनोवियल फ्लूइड एक पदार्थ है जो हमारे शरीर मे हड्डियों की सुरक्षा के लिए उनके आसपास पाया जाता है, इंजेक्शन की मदद से पदार्थ को निकालकर चेक कर पता लगाया जा सकता है की व्यक्ति को गठिया रोग है कि नही।
गठिया रोग का घरेलू उपचार ( Home remedies of arthritis)
आप गठिया रोग में घरेलू उपचार (Gathiya rog gharelu ilaj) भी ले सकते हैं लेकिन शुरुआती लक्षणों पर ठीक न होने पर किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। घरेलू उपचार में कई तरह की चीजें शामिल हैं जो आपके गठिया रोग में फायदेमंद हो सकती हैं।
1. लहसुन से राहत (Garlic)- आपको जानकर हैरानी होगी कि लहसुन में आपके गठिया रोग को दूर करने के चमत्कारिक गुण मौजूद होते हैं, आप लहसुन का सेवन भी कर सकते हैं और मसाज भी।
2. हल्दी गुणकारी (Turmeric)- हल्दी का सेवन हमारी हस्तियों को मजबूती देता है और हल्दी चोटिल सतह को जल्द दुरुस्त कर गठिया से बचाती है।
3. पानी पीना चाहिए (Drinking water)- अधिक पानी पीने से आपको आधिक पेशाब होगी जिससे पेशाब के रास्ते धीरे-धीरे यूरिक एसिड पेशाब के द्वारा बाहर निकल जाता है और हमारे शरीर को गठिया से बचाता है इसलिए दिन में कम से कम 4-6 लीटर पानी हर रोज पीना चाहिए।
4. अदरक भी फायदेमंद (Benefits of ginger) – लहसुन के साथ ही अदरक की गुदी को खाने या रस को पीने से गठिया में लाभ मिलता है।
5. एलोवेरा के प्रयोग से (Use Of aloe vera paste)- एलोवेरा के गुदे को लहसुन के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर लगाने से आराम मिलता है लेकिन इस रोग से छुटकारा नही।
गठिया रोग से अन्य बीमारियां:-
गठिया रोग वैसे तो अपने आप में बहुत परेशानी का रोग है। लेकिन गठिया रोग के कारण कई अन्य बीमारियां भी हमारे शरीर को अपनी चपेट में ले सकती हैं जैसे कि:-
मोटापा, मधुमेह, रक्तचाप और अन्य कई बीमारियां शरीर में स्थान बना लेती हैं, ये सब बीमारियां एक दूसरे से एक कड़ी से जुड़ी हैं।
जब हम दर्द के कारण ज्यादा चल नही पाते तो हमारे शरीर मे मोटापा बढ़ने लगता है जिससे फिर शरीर की प्रतिरोधक छमता पर असर होता है और अन्य छोटी-बड़ी बीमारियां भी आ जाती हैं।
गठिया रोग का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment for arthritis)
1. गिलोय का काढ़ा नियमित रूप से सेवन करे।
2. सोने से पहले शीलाजीत और हल्दी दूध में डालकर सेवन करे।
3. गुग्गुल और चंद्रप्रभा वटी का सेवन करे।
4. रोजाना सुबह एलोवेरा जूस का सेवन करे।
5. मेथी के लड्डू का सेवन करने से गठिया के साथ अन्य बीमारियों में भी लाभ मिलेगा।
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गठिया के लक्षण दिखने (Gathiya rog ka ilaj) पर उपचार (Treatment of arthritis )
गठिया के लक्षण दिखने पर आपको ऊपर बताए गए उपाय करने चाहिए, ठीक न होने पर तुरंत किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए और अधिक बीमारी होने पर प्रत्यारोपण किसी अच्छे विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए।
गठिया रोग में क्या खाएं क्या नही:-
1. गठिया रोग में पौष्टिक फल और सब्जियों को शामिल करें।
2. प्रोटीन युक्त खाद्य का प्रयोग करें।
3. दुग्ध वस्तुओं का सेवन करें।
4. खट्टी और मीठी चीजें खाने से बचें।
5. लाल मीट खाने से बचें।
6. ज्यादा दवा खाने से बचना चाहिए।
गठिया रोग से बचने का उपाय (Prevention of arthritis in hindi)
1. सबसे पहले तो आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए।
2. आपको नियमित टहलना चाहिए।
3. व्यायाम नियमित रूप से रोज करना चाहिए।
4. किसी भी तरह के Fast-food से बचना चाहिए।
5. अपने दूध में हल्दी डालकर पीना चाहिए।
6. कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
7. सुबह की हल्की धूप भी लेनी चाहिए।
हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आप तक गठिया रोग की (Gathiya rog ka ilaj) जानकारी सरल भाषा में पँहुचाने का प्रयास किया है। घरेलू उपचार निश्चित रूप से कारगर होते हैं पर किसी भी उपाय को अमल में लाने से पहले अपने doctor से परामर्श अवश्य करें। साथ ही regular health checkup भी अवश्य कराएं।
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