Pitra Dosh Nivaran Upay: आज के लेख में हम जानेगें, पितृ दोष क्या होता है?, पितृ दोष क्यों होता है?, इसके लक्षण क्या है?, पितृ दोष के कारण क्या है?, और पितृदोष कैसे दूर करें।
कभी-कभी आपके घर में घटित होने वाली कुछ घटनाएं पितृ दोष का संकेत दे सकती हैं। यदि आपको नीचे बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो आपको पितृ दोष हो सकता है, पितृ दोष से छुटकारा पाने (Pitra dosh nivaran upay) और अपने घर में शांति लाने के लिए आपको कुछ विशेष उपाय आजमाने चाहिए।
हिंदू धर्म में पितरों को बहुत महत्व दिया गया है। क्योंकि पितृ हमारे पूर्वज होते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण, और अन्य कर्मकांड करते है।
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, इसी उद्देश्य के लिए मनाया जाता है ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले और उनका आशीर्वाद प्राप्त हो। इस समय के दौरान पितरों के नाम पर श्राद्ध किया जाता है जिसमें भोजन, दान, और पुण्यकार्य किए जाते हैं।
कैसे पहचानें पितृ दोष के लक्षण (Pitra dosh ke lakshan)
ज्योतिषी के अनुसार, ऐसे कई पितृदोष संकेत हैं जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। पितृदोष ज्योतिषीय अपूर्णता का एक रूप है जो किसी व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। पितृ दोष के लक्षण व्यक्ति के जीवन में आसानी से देखे जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पितृ दोष सुखी वैवाहिक जीवन को बाधित करता है। पितृ दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में लगातार उलझनें पैदा करता रहता है। पति-पत्नी के बीच तनाव बना रहता है।
2. पितृ दोष के चलते व्यक्ति को लगातार आर्थिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
3. पितृ दोष के चलते परिवार में कलह, झगड़े, और विवाद होते हैं।
4. व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर बहुत क्रोधित हो जाता है, जिससे अक्सर बहस हो जाती है।
5. परिवार में कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाता। शादी की बातें चलते-चलते रुक जाती हैं।
6. वंश आगे नहीं बढ़ पाता है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी संतान सुख नहीं मिल पाता है। अगर किसी तरह बच्चा पैदा हो भी जाए तो वह स्वस्थ नहीं रहती।
7. जिन बच्चों में पितृ दोष होता है उन्हें जन्म से या बाद में जीवन में शारीरिक या मानसिक विकलांगता का सामना करना पड़ सकता है।
8. घर के भीतर नमी और सीलन बनी रहती है, साथ ही घर में बीमारियों का वास रहता है।
9. रोजगार और बिजनेस से जुड़ी परेशानियां भी आपको परेशान करती रहती हैं। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं हो पाती, आपको मानसिक शांति और स्थिरता की कमी होने लगती है।
10. एक ही परिवार में बेवजह मौतों का सिलसिला जैसे: आत्महत्या, हत्या और परिवार के अंदर दुर्घटनाएँ अप्राकृतिक मौतें होते रहना।
इनमें से कुछ लक्षण एक साथ भी हो सकते हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपके जीवन में दिखाई दे तो आपको पितृ दोष के संबंध में किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए।
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पितृ दोष क्यों लगता है ? (Pitra dosh reason)
पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो व्यक्ति के जीवन में कई बाधाओं और परेशानियों को जन्म दे सकता है। पितृ दोष के कारण निम्नलिखित हैं:
– मृत्यु के बाद यदि विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृ दोष लगता है।
– यदि किसी व्यक्ति के पूर्वजों की कोई इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं, तो वे अपने वंशजों को परेशान कर सकते हैं और उनकी सफलता में बाधा डाल सकते हैं।
– अकाल मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का प्रभाव झेलना पड़ता है।
– यदि कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों के साथ दुर्व्यवहार करता है, तो इससे उसकी आने वाली पीढ़ियों पर नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जिससे उसके वंशजों को दुर्भाग्य और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
– माता-पिता का अनादर करने और उनकी मृत्यु के बाद परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है।
पितरों का अपमान करना, किसी असहाय व्यक्ति की हत्या करना, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ काटना या कटवाना, सांप को जाने-अनजाने में मारना पितृ दोष का कारण बनता है।
पितृ दोष निवारण के सरल उपाय (Pitra dosh nivaran upay)
इन उपायों को करने से पितृ दोष के (pitru paksha ke upay) कारण होने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं और जातक को सफलता, धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। पितृ दोष को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय (Pitra dosh nivaran upay) इस प्रकार है:
1. पितृ पक्ष के दौरान, विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण करें। ब्राह्मणों को उदारतापूर्वक दान दें और उन्हें भोजन कराएं।
2. पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पर श्राद्ध और पिंडदान करें, यह पितृ दोष निवारण का सबसे प्रभावी उपाय है। श्राद्ध और पिंडदान से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को परेशान करना बंद कर देते हैं।
3. अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पितरों के नाम का भोजन कराने से भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। पितरों को प्रसाद के रूप में गाय का दूध, घी, फल, मिठाई आदि अर्पित किया जा सकता है।
4. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
5. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करने से भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। इससे पितरों को संतुष्टि मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
6. पितृ दोष दूर करने के लिए जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अर्घ्य दें।
7. पितृ पक्ष के दौरान रोज शाम को घर की दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाएं। आप ऐसा रोजाना भी कर सकते हैं, इससे पितृ दोष समाप्त हो जाता है।
8. मंदिर में दान करने से भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। मंदिर में दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और वे पितरों को शांति प्रदान करते हैं।
9. गाय को चारा खिलाने से भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। गाय को चारा खिलाने से पितरों को शांति मिलती है।
10. पितरों के नाम पर फलदार, छायादार वृक्ष लगवाएं। इससे पितृ दोष भी कम हो जाता है।
11. पितरों के नाम से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
12. पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए अपने घर की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीरें लगाएं और रोजाना उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
इन pitra dosh nivaran upay करने से पितृ दोष के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
पितृ दोष निवारण के टोटके (pitra dosh in hindi)
– सोमवार के दिन 21 आक के फूलों से भगवान शिव की पूजा करें।
– प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अर्पित करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
– शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीतल के पेड़ पर कच्चा दूध और काले तिल अर्पित करें।
– ब्रह्म गायत्री जप अनुष्ठान करें।
– अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
– श्राद्ध पक्ष के दौरान प्रतिदिन पितरों को जल और काले तिल अर्पित करें।
– पशु-पक्षियों को रोटी आदि खिलाएं।
– पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर पितरों का ध्यान करना।
यदि आप पितृ दोष के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आप पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इन उपायों को आजमा सकते हैं और अपने जीवन में खुशियाँ और सफलता ला सकते हैं।
पितृ दोष पूजा कैसे करें ? (Pitra dosh puja)
पितृ दोष पूजा एक ऐसी पूजा है जो पितरों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। पितृ दोष पूजा को पितृ पक्ष में या किसी भी अमावस्या या पूर्णिमा के दिन किया जा सकता है। पितृ दोष पूजा को किसी पंडित या ज्योतिषी की देखरेख में करना अधिक शुभ माना जाता है।
पितृ दोष पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
एक चौकी, एक लाल कपड़ा, एक कलश, चावल, अक्षत, पुष्प, दीप, धूप, भोजन, पंचामृत, तिल, उपहार।
पितृ दोष पूजा करने की विधि इस प्रकार है:
– सबसे पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
– कलश को चौकी के बीच में रखें।
– कलश में जल भरें और उसमें चावल, अक्षत, पुष्प, दीप, धूप, और भोजन रखें।
– पंचामृत को कलश में डालें।
– तिल को कलश के चारों ओर बिखेर दें।
– पितरों को याद करके उनका ध्यान करें।
– पितरों के लिए प्रार्थना करें।
– पितरों को भोग लगाएं।
– पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपहार अर्पित करें।
पितृ दोष निवारण मंत्र (Pitra dosh mantra)
— “ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः प्रथम पितृ नाराणाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः”।
— “ॐ श्रीं सर्व पितृ दोष निवारणाय क्लेशं हं हं सुख शांतिम् देहि फट् स्वाहा”।
— “ॐ पितृभ्य देवताभ्य महायोगिभ्येच च, नमः स्वाहा स्वाध्याय च नित्यमेव नमः”।
इन pitra dosh nivaran upay का पालन करके, व्यक्ति पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर सकते हैं, जिससे उनके जीवन में उल्लेखनीय सफलता, प्रचुर धन और गहन खुशी प्राप्त करने का मार्ग खुल सकता है।
उम्मीद करते है ये लेख आपके लिए उपयुक्त हो, और इन उपायों को अपनाकर आप पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों को दूर कर सकें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए Lifewingz.com के साथ जुड़े रहें।
धन्यवाद।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. पितृ दोष होने से क्या होता है?
पितृ दोष होने से व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की बाधाओं और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
2. घर में पितृ दोष के लक्षण क्या है?
घर में हमेशा कोई न कोई बीमार रहना, मान-सम्मान में कमी होना, पिता से मतभेद होना, बहुत मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलना या बना बनाया काम बिगड़ जाना। ये सब पितृ दोष के लक्षण है।
3. पितृ दोष कितने वर्ष तक रहता है?
पितृ दोष सात पीढ़ियों तक चलता रहता है।
4. पितृ दोष कैसे दूर किया जाता है?
पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध करना, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पितरों को भोग लगाना। ऐसा करने पितृ दोष दूर किया जा सकता है।
5. पितृ दोष से क्या क्या परेशानी होती है?
परिवार में धन-संपत्ति में कमी होना, अकाल मृत्यु होना, संतानहीनता होना, शादी में देरी आदि जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
6. पितृ नाराज क्यों होते हैं?
पूर्वजों की मृत्यु के बाद उचित कर्मकांड न करना, पूर्वजों की इच्छाओं का पूरा न करना, पूर्वजों के प्रति अपमानजनक व्यवहार करना।
7. रूठे हुए पितरों को कैसे मनाए?
पितरों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध और पिंडदान करें, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पितरों को भोजन कराएं।गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें, मंदिर में दान करें।
8. पितरों के लिए कौन सा दीपक लगाना चाहिए?
पितरों के लिए घी का दीपक लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। घी का दीपक पितरों के लिए एक अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। घी का दीपक जलाने से पितरों को मोक्ष मिलता है और वे प्रसन्न होते हैं।
9. अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें?
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर पितरों का ध्यान करें, पितरों के नाम का दान करें,पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करें।
10. पितरों के लिए गीता का कौन सा पाठ करना चाहिए?
पितरों के लिए गीता के सातवें अध्याय का करना चाहिए। क्योंकि 7वां अध्याय पितृ मुक्ति और मोक्ष से जुड़ा है।

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