अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद, 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान, रामलला की पहली तस्वीर (भगवान राम की पहली photo) भी सामने आई है।
यह (ayodhya ram murti) तस्वीर गर्भगृह से ली गई है, जिसमें रामलला की खड़ी प्रतिमा को देखा जा सकता है। रामलला की इस तस्वीर को पहली बार 18 जनवरी, 2024 को मीडिया को दिखाया गया।
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इस तस्वीर में, रामलला कमल पर खड़े हुए है। उनकी आंखें बंद हैं और उनके हाथों में शंख और चक्र है। रामलला की प्रतिमा कृष्णशिला से बनाई गई है, जिसका वजन लगभग 150 से 200 किलोग्राम है।
कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार, अरुण योगीराज ने बनाई है ये मूर्ति:
रामलला की मूर्ति, जो राम मंदिर के लिए बनाई गई है, कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित की गई है। विभिन्न संस्कार और पूजन के साथ, श्रीरामलला को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले, शुक्रवार को काशी से आए संतों ने प्राण-प्रतिष्ठा करने का समारोह आयोजित किया है। इस कार्यक्रम को काशी के पंडितों ने संपन्नता के साथ पूरी विधि विधान से आयोजित किया है। पूरे कार्यक्रम के बाद, गुरुवार रात को रामलला की पहली तस्वीर गर्भगृह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
मंदिर परिसर में पहुंची कई सारी मूर्तियां:
भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मूर्ति 181 मीटर लंबी है। यह 251 मीटर लंबा है, जिसमें एक स्तंभ और छतरी शामिल है। इस प्रतिमा पर 2,500 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
Source : विकिपीडिया
22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की उपस्थिति में, विभिन्न समारोहों के बीच प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। एक पुरोहित ने मीडिया को बताया कि 22 जनवरी तक प्रतिमा को जीवनदायी तत्वों से पूर्ण किया जाएगा, इन रीति-रिवाजों की प्रारंभिक शुरुआत गुरुवार को होगी। भगवान के दो ही मूर्तियाँ गर्भगृह में स्थापित की गई हैं, अचल रूप में और चलते हुए रूप में।
दोनों मूर्तियाँ पहले ही बुधवार को स्थापित की जा चुकी थीं। स्थायी रूप में स्थापित श्यामवर्णी मूर्ति गर्भगृह में स्थित है। प्राण-प्रतिष्ठा संस्कार इसके साथ ही शुरू कर दिए गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के अनुसार, बुधवार को श्रीरामलला की पवित्र मूर्ति को नवीन मंदिर में प्रविष्ट किया गया था। मूर्ति को पूरी तरह आवरणीत किया गया है।
सम्पूर्ण अनुष्ठान के साथ स्थापित हुई मूर्ति:
भगवान के बाल स्वरुप को उनके स्थान पर विराजमान करने के लिए गुरुवार को पूरे दिन गर्भगृह में विभिन्न आयोजन संपादित किए गए हैं। अभी विग्रह के श्री मुख के अलावा बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। इस अवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कई ट्रस्ट के सम्बंधित लोग मौजूद थे।
मूर्ति स्थापित होने का महत्व:
रामलला की मूर्ति स्थापित होने का बहुत महत्व है। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में धर्म और संस्कृति का सम्मान किया जा रहा है।
रामलला की मूर्ति स्थापित होने से देशभर के राम भक्तों में खुशी की लहर है। अब, राम भक्त अपने आराध्य भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
भगवान राम मंदिर निर्माण कब पूरा होगा?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर तीन चरणों में पूरा होगा. जनवरी 2024 में ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार होगा और 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे. वहीं दूसरा चरण दिसंबर 2024 में पूरा होगा. इसके बाद तीसरा चरण दिसंबर 2025 में पूरा हो जाएगा. हम लोगों का आकलन है कि आगामी दो वर्षों से में रामलला का संपूर्ण मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.
राम मंदिर के पास कौन सी नदी है?
घाघरा नदी को अयोध्या में ‘सरयू’ कहा जाता है।