दोस्तों, आज हम आपके लेकर आए Short Romantic Love Story in Hindi जो की school ki love story है। आपने और भी शार्ट रोमांटिक लव स्टोरी कहानी हिंदी में पढ़ी होगी। लेकिन यह एक sache pyar ki kahani है। यह hindi love story आपको जरूर पसंद आएगी।
प्यार सबसे खूबसूरत एहसास है और पहले प्यार की तो बात ही कुछ और होती है। पहला प्यार जो अक्सर कच्ची उम्र में हो जाता है। यूं ही कोई बिना बात अच्छा लगने लगता है, पता ही नहीं चलता कि प्यार है या आकर्षण लेकिन जो भी हो यह एहसास उम्र भर याद रहता है।
इस कच्ची उम्र के प्यार की ऐसी ही एक कहानी है अनुराग और अंशुल की!
दिल्ली का एक छोटा सा स्कूल था जिसमें सभी मिडिल क्लास फैमिली के बच्चे पढ़ते थे।
अनुराग! अनुराग 11th आर्ट्स का स्टूडेंट था। वह चेहरे से गंभीर दिखने वाला और हर चीज सोच समझकर करने वाला लड़का था। उसके पापा इंजीनियर थे। पढ़ाई लिखाई में वह औसत दर्जे का था लेकिन को-करिकुलर एक्टिविटीज में हमेशा आगे रहता था। उसके गालों के दोनों तरफ डिंपल पड़ते थे जो उसके व्यक्तित्व को चार चांद लगाते थे।
अंशुल भी अनुराग से कम सुन्दर नहीं थी। अंशुल 9th में पढ़ती थी। दिखने में बहुत ही सुंदर थी। उसके लंबे बाल उसकी सुंदरता को दोगुना कर देते थे। वह बहुत ही चंचल स्वभाव की और जीवन के हर पल को जीने वाली लड़की थी। अनुराग और अंशुल एक दूसरे को नहीं जानते थे। जानते भी कैसे स्कूल में 2000 स्टूडेंट जो थे।
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बात स्कूल के एनुअल फंक्शन की है जो दिसंबर में होना था पर उसकी तैयारी 1 महीने पहले से ही शुरू हो गई थी। फंक्शन में एक प्ले होना था ‘मिर्ज़ा और साहिबा’ इस प्ले की सारी की सारी जिम्मेवारी सीमा बत्रा मैडम जो कि 11th आर्ट्स की इंचार्ज थी उनको दी गई।
8th क्लास से ऊपर की क्लास के स्टूडेंट के ऑडिशन लिए गए। क्लास में अनुराग मैडम का फेवरेट स्टूडेंट था और वह कल्चरल एक्टिविटीज में एक्टिव भी रहता था तो मेन रोल उसी को मिलना तय था।
अब मिर्जा तो मिल गया था साहिबा को ढूंढना था बहुत सारी लड़कियों के ऑडिशन हुए और साहिबा के रोल के लिए अंशुल को सिलेक्ट कर लिया गया।
प्ले की प्रैक्टिस के पहले दिन जब अनुराग ने अंशुल को देखा तो देखता ही रह गया। पहली ही नजर में अनुराग को अंशुल से प्यार हो गया। वो बस प्ले की प्रैक्टिस का इंतजार करता रहता।
17 साल के लड़के के लिए इससे बड़ी ख़ुशी क्या होगी कि स्कूल की सबसे खूबसूरत लड़की उसकी प्रेमिका है फिर वो चाहे प्ले में ही क्यूँ ना हो।
वहीं दूसरी तरफ अंशुल भी अनुराग के प्रति एक अलग सा आकर्षण महसूस कर रही थी। प्रैक्टिस का हर एक दिन उन्हें और करीब लाता जा रहा था।
फिर एक दिन प्ले की फाइनल रिहर्सल चल रही थी। प्ले के आखिरी सीन में साहिबा ने मिर्जा के सारे तीरों को तोड़ दिया और साहिबा के भाइयों ने निहत्थे मिर्ज़ा को मार दिया।
उस सीन को करते हुए साहिबा बनी अंशुल इतना खो गई कि मिर्जा बने अनुराग को इस हालत में देखकर फूट-फूट कर रोने लगी। सीमा बत्रा मैडम ने उसकी मासूमियत को देख कर, उसे संभाला और कहा-“बेटा यह सब प्ले है यह रियलिटी नहीं है।”
उस प्ले के बाद अनुराग और अंशुल की जिंदगी बिल्कुल बदल गई थी। उन्हें पता ही नहीं चला कि कब वह एक दूसरे को इतना चाहने लगे।
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अनुराग अंशुल के घर के चक्कर काटने लगा और स्कूल में भी वे दोनों थोड़ा बहुत मिलने लगे। दोनों का एक दूसरे को देखे बिना मन ही नहीं लगता था।
एक बार अनुराग को बुखार हो गया और वह चार-पांच दिन स्कूल में नहीं आया अंशुल इस बीच बेचैन हो गई क्योंकि उस वक्त मोबाइल फोन भी नहीं होते थे। उसका चंचल स्वभाव और अनुराग के प्रति चाहत ने अनुराग से मिलने जाने के लिए उसे मज़बूर कर दिया। वो किताब लेने के बहाने अपनी फ्रेंड को साथ लेकर उसके घर चली गई।
अनुराग उसे अचानक घर आया देखकर हैरान हो जाता है लेकिन उसके दिल को उसे देखकर एक सुकून सा मिल जाता है। अंशुल की बेचैनी भी उससे मिलकर कम हो जाती है। “इस उम्र में भावनाओं का सैलाब सा उठता है जिसे रोक पाना थोड़ा मुश्किल काम है।”
STD से कॉल करना, पार्क में, स्कूल में मिलना, पता ही नहीं चला कब दो साल बीत गए। अनुराग की 12th पूरी हो गई और अंशुल भी अब 11th में आ गई।
अनुराग law करने के लिए देहरादून चला गया। यहाँ अंशुल का मन स्कूल में नहीं लगता था तो उसने स्कूल को छोड़कर, पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन ले लिया।
कुछ समय तक उनके मन में खालीपन रहा, मन कहीं लगता ही नहीं था, एक दूसरे की याद भी आई। फोन पर थोड़ी बहुत बात भी हो जाती थी। लेकिन अब मिलना पॉसिबल नहीं था।
फिर धीरे-धीरे दोनों अपनी अपनी स्टडी में व्यस्त हो गए। उनके अपने अपने फ्रेंड सर्किल बन गए।
समय के साथ-साथ वो समझदार हो गए। अब उनको पता चल चुका था कि वो एक आकर्षक था जो उम्र के उस पड़ाव पर हर लड़का लड़की को अक्सर हो ही जाता है।
अनुराग की जिंदगी में आज कोई और लड़की है और अंशुल की शादी हो चुकी है।
इस तरह एक प्यारी सी लव स्टोरी में एक अच्छा सा मोड़ आता है लेकिन वो अहसास आज भी दोनों को गुदगुदाता है।
बारिश की बूँदे पड़ने पर मिट्टी से जो प्यारी सी खुशबू आती है ना, कुछ उसी तरह का होता है पहला प्यार।
आज भी जब कभी अनुराग अपने पुराने स्कूल और शहर से गुजरता है तो उसे अंशुल के साथ बिताये पल याद आ जाते हैं और अंशुल, जब कभी किसी के मुँह से अनुराग नाम सुनती है तो पलट कर जरूर देखती है।
पहला प्यार कोई कहाँ भूल पाता है !
दोस्तों, कैसे लगी आपको हमारी “Hindi Love Story” हमे comment करके जरूर बताएं और हाँ अगर आपके पास भी कोई Interesting story है तो आप हमसे share करें।
धन्यवाद!
By:- मीनाक्षी कुंडू!
gpntgu
Ha yrr
Lovley story thanks bro
बहुत ही अच्छी अच्छी कहानियाँ है आपके ब्लॉग पर
Nice par kash ye love hota or vo alag na hote
Nice Sir …. Very Good Content . Thanks For Share It .
Dil torna to larkiyo ka sok lagta h mujhe
Usne ladke ka dil kab toda
Mast bhao